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Elevated Road के नाम पर शहर को गुमराह कर रही भाजपा:पूर्व पार्षद अजय पोरवाल 

प्रेस कांफ्रेस का आयोजन कर भाजपा पर संगीन आरोप लगा डाले
 

उदयपुर शहर में इन दिनों Elevated Road Construction काफी चर्चाओं में है और शहरवासियों की इस पर अलग अलग राय भी है, कुछ इस निर्माण को शहर की तरक्की और ट्रैफिक जाम से निजात पाने की तरफ एक कदम मान रहे है तो कहीं व्यापारी इसका विरोध भी कर रहे है। 

एक तरफ शहर विधायक जल्द से जल्द एलिवेटेड रोड बनवाने की मंशा रखते हैं तो वहीं दूसरी ओर उपमहापौर पारस सिंघवी खुलकर इसका विरोध कर रहे है। इसी सब गहमा गहमी के बीच कांग्रेस के पूर्व पार्षद अजय पोरवाल ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेस का आयोजन कर भाजपा पर संगीन आरोप लगा डाले। लेकिन पोरवाल ने ये जरूर कहां कि वे खुद एलिवेटेड रोड बनने के पक्ष में है। 

पोरवाल ने शनिवार 27 जुलाई 2024 को लेकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित हुई प्रेस कांफ्रेस में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि दो बार एलिवेटेड रोड के लिए लाखों रूपए खर्च किए गए लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। तीसरी बार भाजपा के वरिष्ठ नेता और उदयपुर के पूर्व विधायक गुलाबचंद कटारिया ने केन्द्र सरकार के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इसी एलिवेटेड रोड के लिए 400 करोड रूपए की स्वीकृति ले आए और एनएचएआई ने लाखो रूपए खर्च कर एलिवेटेड रोड की डीपीआर बनाई। इस DPR को इंडियन रोड कांग्रेस ने तकनीकी कारण बताते हुए रिजेक्ट कर दिया। भाजपा ने ताराचंद जैन को जैसे ही शहर विधायक का प्रत्याशी बनाया तो उन्होंने कहा कि मैं एलिवेटेड रोड बनाने का प्रयास करूंगा। 

इसका पूरे शहर की जनता ने स्वागत किया लेकिन अब विधायक और उपमहापौर खुलकर आमने सामने हो गए है। भाजपा के नगर निगम के 30 सालों के 6 बोर्ड ने अब तक जनता के करोड़ों रूपयों को विकास के नाम पर डुबाया है।

पोरवाल  ने कहा कि जनता को नगर निगम के इस भ्रष्टाचार का जवाब आने वाले चुनावों में जरूर देना चाहिए। जिस तरीके से इस बोर्ड ने भ्रष्टाचार किया है इस को छिपाने की साजिश रची जा रही है।

पोरवाल बोले चौथी बार निगम के भाजपा बोर्ड ने लाखों रूपए खर्च कर अहमदाबाद की किसी ऐजेन्सी से एक फिर से डीपीआर बनवाकर उच्च न्यायालय में पेश किया और एलिवेटेड रोड के बनाने के पक्ष में फैसला लेकर आए। इस एलिवेटेड रोड की कहानी 2008 से शुरू होती है जो 2024 तक चली आ रही है। इसमे विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि 2009 में नगर निगम चुनाव थे तो भाजपा वाले एलिवेटेड रोड का मुद्दा लेकर आए, चुनाव जीते और इसे मुद्दे को भूल गए। लाखों रूपए शहर की जनता के डूब गए। 

2013 में इस एलिवेटेड रोड का मुद्दा फिर से उठाया और 2014 में नगर निगम चुनाव जीता और फिर से मुद्दा भूल गए। वर्ष 2022 में नगर निगम के नगर निगम के तत्कालीन निर्माण समिति अध्यक्ष ताराचंद जैन ने पहले समिति की बैठक में इस एलिवेटेड रोड की मुद्दे को जीवित किया और समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित करवाकर प्रशासनिक समिति में इसे पारित करवाकर बोर्ड की बैठक में भी पास करवा दिया।

वह बोले की तत्कालीन निर्माण समिति अध्यक्ष ताराचंद जैन ने वादा किया कि जरूरत पडी तो हाईकोर्ट में खुद के खर्चे पर निगम के पक्ष में फैसला लाकर दिसम्बर 2022 एलिवेटेड रोड का शिलान्यास करवा दूंगा। इस प्रस्ताव का पक्ष-विपक्ष के सभी पार्षदों ने समर्थन कर पारित किया। लगता है इनकों विधायक के टिकट मिलने का पहले से ही संकेत मिल गया था।