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कन्हैयालाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह राजकुमार को फिर से अस्पताल में भर्ती करवाया गया

इलाज के दौरान उनकी सर की एक हड्डी निकाल कर उनके पेट में लगाई गई थी, और इसी के चलते एक बार फिर राजकुमार को एमबी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है

 

उदयपुर के टेलर कन्हैया लाल साहू हत्याकांड के चश्मदीद गवाह माने जाने वाले राजकुमार शर्मा को उनकी बीमारी के चलते एक बार फिर एमबी चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। 

गौरतलब है कि घटना के बाद राजकुमार की अचानक से तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पैरालिसिस की शिकायत हो गई थी जिसके चलते उनका आधे शरीर को लकवा मार गया था, इसको लेकर डॉक्टर की एक विशेष टीम गठित कर उनका इलाज किया गया था, इलाज के दौरान उनकी सर की एक हड्डी निकाल कर उनके पेट में लगाई गई थी, और इसी के चलते एक बार फिर राजकुमार को एमबी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। 

एमबी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ आर एल सुमन ने बताया कि राजकुमार को शुक्रवार को भर्ती कराया गया है और इन्वेस्टिगेशन की जा रही है। इन्वेस्टिगेशन पूरी होने पर उनको फिर से ऑपरेट किया जाएगा। 

बता दें कि 28 जून 2022 को उदयपुर में हुई टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद कई दिन अपने घर पर रहे राजकुमार शर्मा ने कुछ महीने पहले ही शहर के नारायण सेवा संस्थान को टेलरिंग टीचर के पद पर जॉइन किया था जिसके बाद एक दिन सुबह अचानक जब अक्टूबर माह में वह नई नौकरी पर जा रहे थे तभी अचानक से बेहोश होकर जमीन पर गिर गए, उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया तो पता लगा कि उन्हें पैरालिसिस हो गया है। 

उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ लाखन पोसवाल, अधीक्षक डॉ अंशुमन, डॉ गौरव जयसवाल और अन्य डॉक्टर्स का एक पैनल राजकुमार का इलाज कर रहा है, डॉक्टर जयसवाल ने बताया कि जिस तरह की समस्या राजकुमार के साथ हुई है वह ब्लड प्रेशर के हाई होने के बाद किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकती है और ऐसी कंडीशन हाइपरटेंशन से हो सकती है, इसी के चलते उनकी पूर्व में सर्जरी की गई थी।

28 जून को उदयपुर के भूत महल इलाके में टेलर कन्हैया लाल साहू की दो युवकों ने दिनदहाड़े गोली की दुकान में घुसकर हत्या कर दी थी, घटना के समय उनकी दुकान पर काम करने वाले ईश्वर सिंह और राजकुमार दोनों ही दुकान पर मौजूद थे। 

साहू की हत्या के बाद दुकान बंद होने के कारण राजकुमार को कई महीने तक बिना काम के रहना पड़ा जिसके बाद उदयपुर प्रशासन की मदद से उदयपुर के बड़ी इलाके में मौजूद नारायण सेवा संस्थान में उन्हें सिलाई सिखाने की नौकरी मिली थी। लेकिन अक्टूबर माह में अचानक से उनकी तबीयत खराब होने के बाद अब पिछले चार-पांच महीने से उन्हें फिर से घर में ही रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और ऐसे में उनका घर उनके दोनों बच्चे मिलकर नौकरी करके चला रहे हैं। हत्याकांड के बाद राजकुमार को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद भी दी गई थी लेकिन उनके ऊपर अभी भी कुछ कर्ज़ा बाकी है और इन दिनों राजकुमार अपने परिवार के भविष्य को लेकर भी काफी चिंतित रहते हैं।