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राजस्थान देश का पहला राज्य जहां जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा 

100 सैंपल की जिनोम सिक्वेन्सिंग की गई जांच रिपोर्ट के अनुसार इनमें लगभग 90 प्रतिशत डेल्टा वेरियन्ट 

 

प्रदेश में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा आसान होने से कोविड-19 के बदलते वेरियन्टस पर प्रभावी निगरानी की जा सकेगी- चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा

राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है जहां अब सिक्वेन्सिंग की सुविधा प्रारम्भ कर दी गई है। जयपुर के सबसे बड़े एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा उपलब्ध कर दी गई है।  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि कोविड-19 की रोकथाम को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा शुरु हो गई है। इस तकनीक से कोरोना वायरस के नये वेरियेन्ट के बारे में जानकारी मिल सकेगी। चिकित्सा मंत्री के मुताबिक एसएमएस मेडिकल कॉलेज में करीब 1 करोड़ रूपये की लागत से जिनोम सिक्वेन्सिंग की व्यवस्था प्रारम्भ की गई है

आपको बता दे कि पहले जिनोम सिक्वेन्सिंग के लिये अब तक प्रदेश से सैंपल केन्द्र सरकार की इण्डियन कौसिंल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा राजस्थान के लिये निर्धारित दिल्ली स्थिति आईजीआईबी लैब में भिजवाये जा रहे थे। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज में लगाई गई मशीन पर सैंपलिंग कार्य 15 जून से कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। इस मशीन की क्षमता प्रतिदिन 20 सैंपल जांच करने की है। इसकी क्षमता को बढ़ाकर प्रतिदिन 80 सैंपल की जांच की जायेगी। सैंपल की जांच रिपोर्ट 3 से 4 दिन में प्राप्त हो रही है। 

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि अब तक कोविड-19 के करीब 100 सैंपल की जिनोम सिक्वेन्सिंग की गई है। जांच रिपोर्ट के अनुसार इनमें लगभग 90 प्रतिशत डेल्टा वेरियन्ट पाया गया है। शेष 10 प्रतिशत कोविड-19 का बी 1.1 वेरियन्ट मिला है। प्रदेश में जिनोम सिक्वेन्सिंग की सुविधा आसान होने से कोविड-19 के बदलते वेरियन्टस पर प्रभावी निगरानी की जा सकेगी।