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पिछली बार के मुकाबले इस बार 99 दिनों तक खुले रहे फतेहसागर-पिछोला के गेट

इन्हीं झीलों के भरोसे जहां हमारा पर्यटन हिलोरे भरेगा, वहीं हमारी प्यास बुझाने के लिए भी ये जरूरी हैं।  

 

उदयपुर, 3 अक्टूबर । मानसून से पहले इस बार बिपरजॉय हमारी झीलों के लिए जॉय (उत्साह) का कारण बना। शहर में 17-18 जून से बिपरजॉय ने एंट्री ली थी और जून में ही औसत 77.1 मिमी बारिश के मुकाबले 182 फीसदी ज्यादा यानी 218 मिमी ज्यादा बारिश हो गई। इससे झीलें पहले ही भर गईं।

31 मई तक पिछोला का जलस्तर 11 फीट के मुकाबले में 6.8 व फतहसागर का स्तर 13 फीट के मुकाबले 6.3 फीट था यानी ये आधी भरी हुई थीं। बाद में आकोदड़ा से भी पानी लाकर 9 जून को पिछोला का जलस्तर 8.3 और फतहसागर का 8 फीट तक कर दिया गया था। बिपरजॉय के बाद इस बार जून में मानसून भी समय पर आ गया और 25 जून से इसने दस्तक दे दी। 

अब हमारी झीलों में शहर की प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त पानी है। शहर की दो प्रमुख झीलों पिछोला और फतहसागर से ही शहर की करीब सवा लाख आबादी को पानी सप्लाई होता है। अगर फतहसागर की बात करें तो 13 फीट की क्षमता वाली इस झील अभी 483 दिन का पानी मौजूद है यानी एक साल के 365 दिन से 188 दिन ज्यादा। झीलों और पानी की बात इसलिए, क्योंकि इन्हीं के भरोसे जहां हमारा पर्यटन हिलोरे भरेगा, वहीं हमारी प्यास बुझाने के लिए भी ये जरूरी हैं।                                         

                     2022                       2023
       889.5 मिमी बारिश कुल हुई               695.6 मिमी बारिश कुल हुई 
                 617.7 होनी थी                   617.7 होनी थी
                    +44                       +12.6

फतहसागर : 5 बार में 46 दिन खुले रहे गेट

  1.  10 जुलाई को 2 गेट 3-3 इंच खोले । 17 जुलाई को चारों गेट खुले, 7 अगस्त को बंद कर दिए।

       2.  15 व 16 अगस्त को चारों गेट 3-3 इंच खोले।

       3.  21 अगस्त को गेट खुले, 23 अगस्त को बंद कर दिए।

       4.  20 सितंबर को गेट खोले और 27 सितंबर को गेट बंद किए गए।

       5.  28 सितंबर को वापस गेट खोले, 1 अक्टूबर को बंद कर दिए ।

 पिछले साल

  1. 15 अगस्त को गेट खोले, उसी दिन गेट बंद कर दिए ।

       2.  24 अगस्त को गेट खोले, 1 सितंबर को बंद कर दिए ।

       3.  2 सितंबर को गेट खोले, जो 23 सितंबर को बंद कर दिए ।

उदयसागर के गेट 3 बार में 20 दिन के लिए खुले 

  1.  8 अगस्त को 2 गेट 1-1 इंच खोले गए, ये 10 अगस्त को बंद किए गए।

       2. 11 अगस्त को गेट खोले गए, जो 17 अगस्त को बंद किए गए।

       3.  22 सितंबर को दोनों गेट 6 इंच तक खोले गए, जो अभी तक खुले हुए हैं।

पिछले साल 2022 में 1 बार 6 दिन के लिए गेट खोले गए। 24 अगस्त को दोनों गेट 6 इंच खोले गए जो 29 अगस्त को बंद हुए । इसका पानी पीने के लिए इस्तेमाल नहीं होता है। सिर्फ सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। फतहसागर-स्वरूपसागर ओवरफ्लो होती है या गेट खोले जाते हैं तो इसका पानी उदयसागर में छोड़ा जाता है।

मदार तालाब छोटा और बड़ा के ओवरफ्लो होने पर मदार नहर के जरिए फतहसागर में पानी की आवक होती है। इसके अलावा इसे उन सभी स्त्रोतों से स्वरूपसागर के जरिये भरा जा सकता है, जिनसे पिछोला भरी जाती है।

कुल पानी 12.18 मिलियन क्यूबिक मीटर

  1. 30 फीसदी पानी सीवेज, वाष्पीकरण और अन्य कारणों से बर्बाद माना जाता है तो भी 8.256 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रहता है।
  2. 17.5 एमएलडी (मेगालीटर) पानी रोज पीने के लिए निकाला जा रहा। यानि अभी 483 दिन का पानी है । 

स्वरूपसागर : 4 बार में 53 दिन खुले गेट

  1.  6 जुलाई को खोले, फिर 9 जुलाई को बंद कर दिए गए।

        2. 12 जुलाई से 12 अगस्त तक गेट खुले रहे ।

        3.  22 अगस्त को गेट खुले, 27 अगस्त को बंद हुए ।

        4.  20 सितंबर को गेट खोले, जो अभी तक खुले हैं।

पिछले साल 2 बार में केवल 5 दिन खुले गेट

  1. 24 अगस्त को एक दिन के लिए गेट खोले।

        2.  2 अक्टूबर से 5 अक्टूबर तक गेट खोले।

इसके बाद पूरे मानसून सीजन में इस झील के गेट नही खुल पाए ।

पिछोला को 3 बांधों से भरा जा सकता है। इनमें आकोदड़ा की क्षमता 60 फीट है। इसमें 8.55 एमक्यूएम पानी है। देवास की क्षमता 34 फीट है व इसमें 3.57 एमक्यूएम व 34 फीट क्षमता वाले मादड़ी बांध में 2.42 एमक्यूएम पानी है।

कुल पानी 13.68 मिलियन क्यूबिक मीटर

  1.  30 फीसदी सीवेज, वाष्पीकरण और अन्य कारणों से बर्बाद माना जाए तो भी 9.576 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रहता है।
  2.  32 एमएलडी यानी मेगालीटर पानी रोज पीने के लिए निकाला जा रहा। इस लिहाज से हमारे पास अभी 299 दिन का पानी है।