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राजस्थान में 31 दिसंबर तक नहीं चलेगें पटाखें- हाईकोर्ट

बेचने पर देना होगा 10 हजार रुपए और जलाने पर 2000 का जुर्माना

 

पटाखों के धुंए से कोरोना प्रभावित व्यक्तियों की श्वसन क्रिया प्रभावित होती है

कोरोना महमारी के चलते हुए राजस्थान सरकार ने पटाखों की बिक्रि पर 31 दिसंबर तक बैन लगा दिया है। इसी रोक को लेकर राजस्थान सरकार ने तमाम लाइसेंस रद्द कर दिए है। स्थायी लाइसेंस वाली पटाखों की दुकानों को भी सील कर दिया है। चोरी छिपे पटाखें बेचने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। वहीं पटाखों पर लगे बैन से हजारों दुकानदारों का नुकसान हो गया है। 

दुकानदारों का कहना है कि किसी भी बड़ी एजेंसी या संस्था ने दावा नहीं किया है कि पटाखें जलाने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। आपको बता दे कि अब दिपावली के बाद अब शादी समारोह और नए साल पर भी आप आतिशबाजी नही कर सेकेगें। 

एडवाइजरी में सरकार ने कहा था कि दिपावली पर चलने वाले पटाखों के धुंए से कोरोना प्रभावित व्यक्तियों की श्वसन क्रिया प्रभावित होती है। इसलिए वायुमंडल को प्रदूषित रहित रखना आवश्यक है। पटाखों को लेकर राज्य सरकार ने जुर्माना तय किया है पटाखें बैचने पर 10 हजार रुपए और पटाखे चलाने पर 2000 हजार रुपए वसुलेंगी। 

हाईकोर्ट ने स्वीकार किया राज्य सरकार का फैसला,पटाखा कारोबारियों की याचिका खारिज कोरोना महामारी की वजह से राजस्थान सरकार ने फैसला लिया था कि वह इस दिपावली पटाखों पर पाबंदी लगा देगी। इसी को लेकर पटाखा कारोबारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। 

हाइकोर्ट ने पटाखा कारोबारियों को कहा है कि वो राज्य सरकार के फैसले को मानेगें। कोरोना महामारी के दौरान यह सरकार का नीतिगत निर्णय है इसमें हाईकोर्ट कुछ नही कर सकता है। हीं हाईकोर्ट ने कहा कि व्यक्ति के अधिकारों की बात की जाए तो व्यक्ति की अजीविका के अधिकार से बड़ा अधिकार व्यक्ति को जीवन जीने का है और ऐसे में कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार द्वारा पटाखों पर पाबंदी का निर्णय सही है।