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धर्म, समाज एवं साधु सन्तों व स्वधर्मी जैन बन्धुओं की रक्षार्थ श्री महावीर सेना का गठन

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया को मुख्य संरक्षक बनाया गया है

 

सेना की गतिविधियों को सुचारू रूप से अंजाम देने के लिए एक संयोजक मण्डल बनाया गया है

उदयपुर। विगत कुछ समय से देश में जैन समाज एवं साधु सन्तों के खिलाफ कपितय व्यक्तियों द्वारा अनर्गल बयानबाजी एवं तथ्यहीन आरोप से सम्पूर्ण समाज आक्रोशित है। ऐसी अवांछित गतिविधियों के प्रतिकार करने के लिए उदयपुर के जैन समाज ने आगे बढ़कर धर्म, समाज, साधु-सन्तों एवं स्वधर्मी  बन्धुओं की सहायता एवं रक्षा के उद्देश्य को लेकर श्री महावीर सेना का गठन किया गया।  

सेना प्रमुख यशवन्त आंचलिया ने आज शोभागपुरा स्थित होटल पर आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि पिछले कुछ समय से अवांछित गतिविधियों में लिप्त एक समूह द्वारा जैन समाज को बदनाम करने की साजिश, षड्यंत्रकारी योजना से आक्रोशित सकल जैन समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें समाज के प्रबुद्धजन, युवा तथा सभी वर्गों के काफी चिन्तन, मंथन एवं विचार विमर्श तथा वरिष्ठजनो के सुझावों को ध्यान में रखते हुए धर्म,समाज एवं साधु-साध्वी के रक्षार्थ श्री महावीर सेना का गठन किया। 

सेना प्रमुख आँचलिया ने बताया कि देश में सही राह पर चलने वाले अहिंसक जैन समाज पर पिछले लम्बे समय से कुछ अवांछित लोगों द्वारा तथ्यहीन आरोप, जैन धर्म व समाज के प्रति अनर्गल व अपमानजनक बातें, लोगों को सही मार्ग पर चलने की शिक्षा देने वाले साधु-सन्तों के बारें में आधारहीन बातें तथा उन पर हमले एवं उन्हें अवांछित तरीके से परेशान करना और जैन समाज के निर्दोष व्यक्तियों को लक्ष्य बनाकर सरकारी व गैर सरकारी विभागों द्वारा जबरन प्रताड़ित किया जाता रहा है। सेना ऐसे निर्दोष स्वधर्मी बन्धुओं को सहायता एवं सहयोग को तत्पर रहेगी साथ ही आवश्यकता पड़ने समाज हित में सभी आवश्यक कदम उठायेगी।

उन्होंने बताया कि संस्थान को समय-समय पर मार्गदर्शन देने हेतु जैन समाज के राष्ट्रीय गौरव नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया को मुख्य संरक्षक बनाया गया है।

सेना के महामंत्री अनिल नाहर ने बताया कि संस्थान को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से सकल जैन समाज का 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति सेना का सदस्य बन सकता हैं। शुरूआत में 1 हजार सदस्यों के साथ इसकी स्थापना की है। वर्तमान में इसका कार्यक्षेत्र उदयपुर संभाग स्तर पर रखा जा रहा है लेकिन निकट भविष्य में इसे राष्ट्रीय स्वरूप भी प्रदान किये जाने की योजना है। 

सेना की गतिविधियों को सुचारू रूप से अंजाम देने के लिए एक संयोजक मण्डल बनाया गया है जिसमें आकाश वागरेचा, गुणवन्त वागरेचा, कुलदीप नाहर, नरेन्द्र सिंघवी, नितुल’ ’चण्डालिया, निर्मल मालवी, पारस सिंघवी, राजकुमार फत्तावत, राजेश खमेसरा, विनोद फान्दोत को शामिल किया गया है, साथ ही समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान प्रदान करने वाले कान्तिलाल जैन नाकोड़ा, बी एच बापना, शान्तिलाल वेलावत, आर सी मेहता एवं महेन्द्र टाया को संरक्षक तथा राजकुमार सुराना, विरेंद्र डांगी, अशोक गोधा, मोहन बोहरा तथा अर्जुन खोखावत को परामर्शक बनाया गया। प्रेस वार्ता के अंत में गुणवन्त वागरेचा ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।