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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला-1 अप्रैल से सरकारी अस्पतालों में ओपीडी, आईपीडी की सेवाएं हुई निशुल्क 

सीटी स्कैन, एमआरआई. डायलिसिस मुफ्त, मरीज़ों को इन जांचों के नहीं देने होंगे पैसे 

 

राजस्थान सरकार ने हेल्थ को लेकर राजस्थान निवासियों को बड़ी सौगात दी है। राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी और आईपीडी में रजिस्ट्रेशन हेतु दिया जाने वाला शुल्क समाप्त कर दिया हैं। अब 1 अप्रैल यानि की कल से ओपीडी और आईपीडी रजिस्ट्रेशन नि:शुल्क होगा, राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी में आने वाले और आईपीडी में भर्ती मरीजों को समस्त दवाइयां और राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जांच निःशुल्क प्रदान की जाएगी। 

बता दें कि राजस्थान सरकार ने अभी तक मुख्यमंत्री निशुल्क दवा और जांच योजना के तहत मरीजों को इलाज की सुविधा सरकारी हॉस्पिटल में दी जा रही है। इसके अलावा कई जांचे और दवाईयां ऐसी हैं जिनका कुछ शुल्क मरीजों को देना पड़ता है। इसमें सिटी स्कैन, एमआरआई, डायलिसिस समेत खून, हार्ट की कई जांचें शामिल है। लेकिन 1 अप्रैल के बाद इसका शुल्क नहीं देना पड़ेगा।

चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य के सभी श्रेणी के राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध ओपीडी एवं आईपीडी सुविधाएं समस्त प्रदेशवासियों को पूर्णतः निःशुल्क करने की घोषणा से प्रदेश वासियों को बिना पैसा खर्च किए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मीणा ने बताया कि 1 अप्रेल से राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी एवं आईपीडी में रजिस्ट्रेशन के लिए भी कोई शुल्क नहीं देना होगा।

उन्होंने बताया कि राजकीय चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी में आने वाले तथा आईपीडी में भर्ती मरीजों को समस्त दवाइयां एवं राजकीय चिकित्सा संस्थानों में जांचें निःशुल्क की जाएंगी।स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सक यह सुनिश्चित करेंगे कि चिकित्सालय के दवा वितरण केन्द्र में उपलब्ध दवा मरीजों को लिखी जाए। उन्होंने बताया कि विशेष परिस्थिति में आवश्यक होने पर अन्य दवा नियमानुसार क्रय कर रोगी को उपलब्ध कराई जाएगी। मीणा ने बताया कि विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में पीपीपी मोड पर संचालित सुविधाएं जैसे सीटी स्केन, एमआरआई एवं डायलिसिस आदि भी रोगियों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।

उन्होंने बताया कि संबंधित पीपीपी पार्टनर को इसके लिए उनके द्वारा रोगी से लिया जाने वाला शुल्क संबंधित चिकित्सा संस्थान द्वारा भुगतान किया जाएगा और इसके लिए आवश्यक बजट उपलब्ध कराया जाएगा। मीणा ने बताया कि ये सुविधा राज्य के समस्त प्रदेशवासियों के लिये निःशुल्क उपलब्ध होगी। परंतु राज्य के बाहर से आने वाले मरीजों से नियमानुसार शुल्क लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि मरीज के प्रदेशवासी होने प्रमाण के रूप में मरीज का जन आधार कार्ड अथवा अन्य दस्तावेज लिए जाएंगे। मरीज के उपचार से संबंध नही रखने वाली अन्य सुविधायें जैसे पार्किंग, केन्टीन, कॉटेज वार्ड आदि का शुल्क राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी की नियमावली के अनुसार यथावत रहेगा।