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बांसवाड़ा में चन्द्रयान-3 की थीम पर सजा बालमुकुन्द का गणेश दरबार

झांकी की एक और विशेषता है कि इसमें गजेन्द्र मोक्ष, अखण्ड भारत और चन्द्रयान 3 की थीम एक साथ बताई गई है
 

बाँसवाड़ा शहर के किशनपोल बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज द्वारा चन्द्रयान 3 की थीम पर गणेशजी की झांकी सजाई गई है । चंद्रयान-3 की सफलता देश वासियों के सिर चढ़ कर बोल रही है । गणेशोत्सव में चंद्रयान 3 के मॉडल गणपति जी के साथ नजर आ रहे हैं। बाँसवाड़ा के किशनपोल बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज ने गणेश चथुर्थी के पावन अवसर पर से गणपति जी की प्रतिमा स्थापित की है। 

गणेश चथुर्थी का पर्व चल रहा है। इसलिए गणपति की मूर्ति तो सभी पंडालों में नजर आ रही हैं। लेकिन यहां पर आकर्षण का केंद्र चंद्रयान-3 का वो मॉडल जो गणेश जी के ठीक बगल में रखा गया है। जिसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ लग रही हैं। स्थानीय लोगो द्वारा किये गए इस कार्य को भक्तों द्वारा सराहा भी गया है। झांकी की एक और विशेषता है कि इसमें गजेन्द्र मोक्ष, अखण्ड भारत और चन्द्रयान 3 की थीम एक साथ बताई गई है।

किशनपोल बालमुकुन्द गणेश मण्डल द्वारा बताया गया है कि हर बार यहा पर दर्शनार्थियों का ताँता लगता है और हर कोई दर्शन करके भाव विभोर हो जाता है। मण्डल को इस झांकी को तैयार करने में 2 महिने का समय लगा है। झांकी को थर्मोकॉल, लोहा, मिट्टी आदि से डिजाइन किया गया है। इस झांकी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बाँसवाड़ा जिले की एक मात्र चलचलित सम्पूर्ण रुप से कम्प्यूटराइज़्ड ऑटोमेटिक झांकी है। 

आपको बता दे कि यह मण्डल प्रतिवर्ष चर्चा का विषय रहता है एवं सभी पाण्डालों से हट कर झांकी तैयार करता है जैसे की श्री राम मंदिर मॉडल, प्रभु रथ में हुए सवार, कालिया मर्दन, सागर मंथन, मटकी फोड़ आदि झांकी प्रतिवर्ष स्थापित कर आकर्षण का केन्द्र बना रहता है।

किशनपोल बालमुकुन्द गणेश मण्डल तेली समाज को भारत साधु समाज के महामंत्री- महामण्डलेश्वर हरिओमदासजी महाराज पीठाधीश्वर तपोभूमि लालीवाव मठ द्वारा संकल्प भी दिलाया गया है कि प्रतिवर्ष छोटी प्रतिमां स्थापित कि जाए तो यह बालमुकुन्द गणेश मण्डल प्रतिवर्ष 2 से 3 फिट की छोटी प्रतिमां स्थापित करता है एवं उन्हीं के मार्गदर्शन में झांकी तैयार करता है । इस वर्ष बालमुकुन्द मण्डल की प्रतिमा मात्र 24 इंच की है और थर्माकोल से झांकी तैयार करने के बाद 9 फिट की है वह भी बाँसवाड़ा शहर के माने जाने कलाकार मांगीलाल प्रजापत द्वारा मिट्टी से बनाई गई है ।