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​​किक्रेटर और राजनेता नहीं वर्दी वाले देश के असल हीरो - गौतम गंभीर

सीआईएसएफ का 52 वां स्थापना दिवस

 

गंभीर ने जवानों से मोटिवेशनल चर्चा कर जवानों का हौंसला बढाया।

उदयपुर 10 मार्च 2021। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का 52वां स्थापना दिवस बुधवार को डबोक स्थित सीआईएसएफ यूनिट में मनाया गया। इस अवसर पर पूर्व ​भारतीय क्रिकेटर और सांसद गौतम गंभीर भी मौजूद थे। गंभीर ने जवानों से मोटिवेशनल चर्चा कर जवानों का हौंसला बढाया। 

गंभीर ने कहा किक्रेटर और राजनेता नहीं आप वर्दी वाले देश के असली हीरो है। इसके साथ ही जवानों से चर्चा में कहा ​कि खेल के साथ पढाई भी महत्वपूर्ण हैं। इस दौरान डिप्टी कमाण्डेंट अतुल भनोत्रा, असिस्टेंट कमांडेंट विपुल सैनी, इंस्पेक्टर कृपाल सिंह, जितेंद्र राजोरिया, अतुल कुमार आदि मौजूद थे। 

नॉन मेट्रो में पहले नंबर पर हमारा एयरपोर्ट, सीआईएसएफ की पैनी सुरक्षा, स्कैनिंग, फास्ट डिलिवरी से भी हुआ संभव

शहर के सबसे सुरक्षित और संवेदनशील इलाकों में से एक महाराणा प्रताप एयरपोर्ट डबोक परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सीआईएसएफ पर है। महाराणा प्रताप एयरपोर्ट इस बार नॉन मेट्रो एयरपोर्ट की श्रेणी में पहले नंबर पर रहा है। इसमें सीआईएसएफ का भी बड़ा योगदान है। रैंकिंग में सुरक्षा, स्कैनिंग पर फास्ट डिलेवरी के नंबर होते हैं। सीआईएसएफ की वजह से ही एयरपोर्ट को काफी अच्छे नंबर भी मिले हैं। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के 184 जांबाजों से जो 24 घंटे मुस्तैदी के साथ एयरपोर्ट परिसर की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। हरदम चौकन्नी नजरें गड़ाए परिसर में तैनात रहते हैं।

1969 में स्थापना, 1983 में सशस्त्र बल का दर्जा मिला

52 साल पहले 10 मार्च 1969 को 2,800 कर्मचारियों की ताकत के साथ भारत की संसद के एक अधिनियम के तहत सीआईएसएफ का गठन किया गया था। 15 जून 1983 को संसद के एक अन्य अधिनियम द्वारा सीआईएसएफ को बाद में भारतीय गणराज्य का एक सशस्त्र बल बनाया गया। वर्तमान में सीआईएसएफ में करीब 160000 कर्मियों की है। 

बंदरगाहों, मेट्रो, सरकारी भवनों, विरासत स्मारकों की सुरक्षा का जिम्मा इन्हीं पर, फिलहाल देश में डेढ़ लाख के करीब ये जवान

सीआईएसएफ एयरपोर्ट, बंदरगाहों, मेट्रो रेल नेटवर्क, सरकारी भवनों, विरासत स्मारकों (ताजमहल और लाल किला सहित), परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, भारतीय मुद्रा का उत्पादन करने वाले करेंसी नोट प्रेस और अंतरिक्ष प्रतिष्ठानों सहित 300 औद्योगिक इकाइयों, सरकारी अवसंरचना परियोजनाओं और सुविधाओं और प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवच प्रदान करता है। यह वीआईपी सुरक्षा के साथ-साथ आपदा प्रबंधन में भी माहिर है। यह सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।