चिकित्सा क्षेत्र के लिए दिया प्री बजट पूर्व सीएम को दिये अपने सुझाव
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिसदा) ने दिये सुझाव
उदयपुर 19 जून 2024 । सीएम द्वारा बजट पूर्व चर्चा में अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ को आमंत्रित किया गया। इस दौरान चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर वयवस्थाओं को प्रबन्धन एवं चिकित्सकों के हितों के मद्देनजर रखते हुए संघ सीएम के समक्ष उन जमीनी बिंदुओं को प्रस्तुत किया जो राज्य में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को सुद्ध करने और राजस्थान राज्य का स्वास्थ्य प्रबंधन सुधारने के लिए आवश्यक है।
संघ के प्रदेश महासचिव डॉ शंकर बामनिया ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों के चिकित्सकों और कर्मचारियों के लिए आवास निर्माण एवं साथ ही जो आवास जर्जर अवस्था में हैं उनकी मरम्मत व रखरखाव करवाया जाए। इससे चिकित्सक एवम् चिकित्साकर्मी। सकेंगे। रेजिडेंट डॉक्टर्स के लिये सुविधा पूर्ण नये हॉस्टल का निर्माण किया जाये। मुख्यालय पर निवास कर बेहतर सेवाएं दे
डॉ बामनिया ने कहा की मुख्यमंत्री आयुष्मान अरोग्य योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं के कारण राज्य के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में OPO/IPD बढ़ा है किन्तु उस अनुपात में मानव संसाधनों सुविधाएं उपलब्ध करवाने लिए मानव संसाधन की कमी है। साफ सफाई के लिए सफाई कर्मी, की नियुक्ति नहीं हुई है। उनका कहना है की उनके पास चिकित्सालयों में एंबुलेंस के लिए ड्राइवर, नीिंग कर्मी, लैब कर्मी, चिकित्सक इत्यादि प्रत्येक संवर्ग के कर्मचारियों की भारी कमी है, इसके कारण बहुत बार अपरिहार्य स्थितियां उत्पच हो जाती है। साथ ही अतिरिक्त कार्यभार के चलते चिकित्सा कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य। पर भी विपरीत असर पड़ता है।
राज्य के चिकित्सा विभाग में स्थानांतरण नीति बनाये जाने की प्रक्रिया चल रही है, जिसका हम स्वागत करते है किंतु पहले चिकित्सकों का कैडर बने फिर पालिसी लागू हो और चिकित्सा विभाग जैसे मानव सेवा से जुड़े विभाग में स्थानांतरण नीति को संवेदनशीलता के साथ अमल में। लाया जाये। चिकित्सकों के अन्य राज्य कर्मियों से अधिक लंबे सेवा काल और विशिष्ठ सेवा के मद्देनजर उन्हें तीन डीएसीपी के बाद उच्चतम वेतन श्रृंखला 9500 ग्रेड पे के लाभ का प्रावधान किया जाएं। चिकित्सकों और और चिकित्साकर्मियों के सुरक्षित भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुरानी पेंशन योजना अर्थात OPS को जारी रखा जाए।
राज्य में पिछले 20 वर्षों से लगभग 100 से अधिक चिकित्सक एडहॉक व्यवस्था पर कार्यरत हैं और स्थाई कर्मियों की ही भांति सभी सेवाएं दे। दे रहे हैं, आपसे अनुरोध है कि नियमों में शिचिलन दिया जाकर इन्हें स्थाई परिलाभ नियमित चिकित्सकों की ई किया जाए एवं सभी भाँति किए जाने की घोषणा इसी बजट में कर उनकी इतने लम्बे समय से दी जा रही आम अवाम की सेवाओं को देखते हुए अनुगृहीत किया जावे।
सरकार ने जब चिकित्सकों की पदोन्नति के लिए डीएसीपी का प्रावधान किया तो उसका उद्देश्य उन्हें समयबद्ध पदोचति एवं वित्तीय लाभ देना था, किन्तु कतिपय कारणों से 2014 में यह लाभ कार्यग्रहण की तारीख से देय हो गया।
2018 में पुनः इसे डेट एलिजिबिलिटी से कर व दिया गया, इससे चिकित्सकों को चार वर्षों में बहुत वित्तीय हानि हुई है। आपसे निवेदन है कि 2014 से 2018 के मध्य पदोन्नत हुए चिकित्सकों को उनका एरियर दिलवाने का श्रम करावें। गौर करने की बात यह भी है कि समग्र केडर में से लगभग 75 प्रतिशत चिकित्सक इसका लाभ ले भी चुके हैं । इसलिए ज़्यादा वित्तीय भार भी राज्य पर नहीं आएगा) तो अन्य जो वंचित है उनको भी यह लाभ मिले यह आदेश दे कर राहत देने हेतु निवेदन।
DACP के समयबद्ध क्रियान्वयन में 2-2 साल का विलम्ब हो रहा है, जो कि डीएसीपी के उद्देश्य और मूल भावना के खिलाफ है अतः निवेदन कि बजट में यह भी घोषणा हो कि अब से प्रतिवर्ष 31 मार्च को, आगामी 1 अप्रैल से डीएसीपी के पात्र चिकित्सकों की सूची जारी हो। (आईएएस/आरएएस केडर की भाँति)
सीएमएचओ कार्यालय में विभिन्न कानूनी और न्यायिक पक्ष पर मार्गदर्शन हेतु लीगल सेल में एक विधिक सलाहकार (एलए) का प्रावधान हो ताकि न्यायिक एवं आरटीआई से संबंधित मामलों में राज्य पक्ष की पैरवी बेहतर तरीके से हो सके अन्यथा चिकित्सक हुन प्रक्रियाओं से अनभिज्ञ होते हैं। और न्यायालय में समुचित पैरवी ना होने के कारण राज्य पक्ष अधिकतर मामलों में अपरिहार्य स्थिति से रूबरू होता है।
डॉ बामनिया ने कहा की साथ ही इन न्यायिक प्रकरणों की प्रक्रिया में ज़िला अधिकारियों की व्यस्तता के कारण जिलों की स्वास्थ्य सेवाएँ भी बाधित होती है, राज्य के चिकित्सकों के सबसे बड़े संघ अरिस्दा को आपके सम्मुख अपना पक्ष रखने का अवसर देने और राज्य के विकास में भागीदार बनने का अवसर प्रदान करने के लिए पूरे राज्य के 15,000 सेवारत चिकित्सकों की ओर सुझाव प्रस्तुत है।