पांच सालों में उदयपुर जिले में 55 लाख 65 हजार वृक्षों की जियो टैगिंग की गई
सांसद मन्नालाल रावत की ओर से संसद में पूछे गए प्रश्न पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी
उदयपुर 16 दिसंबर 2024। वन विभाग पिछले पांच वर्षों में उदयपुर जिले में 20 हजार 579 हैक्टेयर क्षेत्र में 55 लाख 65 हजार वृक्ष लगाकर इनकी जियो टैगिंग भी की गई। उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मन्नालाल रावत की ओर से सोमवार को संसद में पूछे गए अतारांकित प्रश्न के जवाब में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई।
सांसद रावत ने संसद में प्रश्न रखा कि क्या सरकार वनों के संरक्षण और विकास के लिए वृक्षारोपण अभियान के दौरान लगाए गए वृक्षों की जियो टैगिंग कर रही है अथवा करने का विचार है। पिछले पांच वर्षों के दौरान उदयपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र सहित राजस्थान में वनों के संरक्षण और विकास के लिए सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों का जिलावार ब्यौरा क्या है तथा क्या सरकार का उदयपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र सहित राजस्थान में वनों के संरक्षण और विकास के लिए एनजीओ के माध्यम से वृक्षारोपण को बढ़ावा देने का विचार है।
इस संबंध में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तवर्धन सिंह ने संसद में बताया कि वनों के संरक्षण और विकास के लिए यह मंत्रालय राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों को मुख्य रूप से राष्ट्रीय हरित भारत मिशन (जीआईएम), नगर वन योजना आदि के माध्यम से वनरोपण गतिविधियों को चलाने के लिए सहायता देता है।
इसके अलावा, प्रतिपूरक वनरोपण निधि का उपयोग करके भी बड़े पैमाने पर वनरोपण गतिविधियां चलाई जाती है। राजस्थान सरकार से प्राप्त सूचना के अनुसार, हरियालो राजस्थान अभियान (मानसून 2024) के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों और व्यक्तियों आदि द्वारा 1,03,22,335 एकल वृक्षों और ब्लॉक वृक्षारोपण में 1,99,65,445 वृक्षों को जियोटैग किया गया।
मंत्रालय स्थानीय समुदायों, गैर सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, स्थानीय निकायों आदि को शामिल करते हुए वृक्षारोपण करने के लिए सहायता भी प्रदान करता है।
जानकारी में बताया गया कि पिछले पांच वर्षों में उदयपुर जिले में 20 हजार 579 हैक्टेयर क्षेत्र में 55 लाख 65 हजार वृक्ष लगाकर इनकी जियो टैगिंग भी की गई। इनमें 2019-20 में 1285 हैक्टेयर में 4 लाख 72 हजार, 2020-21 में 1821 हैक्टेयर क्षेत्र में 7 लाख 19 हजार, 2021-22 में 3756 हैक्टेयर क्षेत्र में 9 लाख 33 हजार, 2022-23 में 7040 हैक्टेयर क्षेत्र में 17 लाख 17 हजार तथा 2023-24 में 6676 हैक्टेयर क्षेत्र में 16 लाख 53 हजार वृक्षरापोपण कर इनकी जियो टैगिंग की गई।