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अनुजा निगम ऋणो में सरकारी गारन्टर की बाध्यता समाप्त

राष्ट्रीय निगमों में 5 लाख रुपये तक के ऋणों पर सरकारी गारंटर की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है

 

उदयपुर । राज्य सरकार के निर्देशानुसार अनुजा निगम के ऋणों में सरकारी गारंटर की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। अनुजा निगम के परियोजना प्रबंधक गिरीश भटनागर ने बताया कि राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति, वित्त एंव विकास सहकारी निगम लि. जयपुर मुख्यालय द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार राष्ट्रीय निगमों में 5 लाख रुपये तक के ऋणों पर सरकारी गारंटर की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।

परिपत्र के अनुसार 1 लाख रूपये तक के ऋण पर किसी प्रकार की गारन्टी नहीं रखी है। 1 लाख से अधिक एवं 2 लाख तक के ऋण पर एक जिम्मेदार, प्रतिष्ठित व्यक्ति, पार्षद, पंचायत समिति सदस्य, गणमान्य व्यक्ति की गारंटी या जमानत मान्य होगी। इसी प्रकार 2 लाख से अधिक एवं 5 लाख तक के ऋण पर दो जिम्मेदार, प्रतिष्ठित व्यक्ति, पार्षद, पंचायत समिति सदस्य, गणमान्य व्यक्ति की गारंटी या जिम्मेदारी पर्याप्त होगी।

गिरीश भटनागर ने बताया कि राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एंव विकास सहकारी निगम लिमिटेड राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एंव विकास निगम नई दिल्ली, राष्ट्रीय जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास सहकारी निगम, राष्ट्रीय विकलांग वित्त एवं विकास सहकारी निगम एवं राष्ट्रीय अन्य पिछडा वर्ग वित्त एवं विकास सहकारी निगम के लिये चैनेलाइजिंग एजेंसी का कार्य करती है। राष्ट्रीय निगमों के द्वारा राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति, सफाई कर्मचारी, दिव्यांगजन एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को रियायती ब्याज दर पर ऋण देने का कार्य किया किया जाता है।