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शराबियो, असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुकी है निगम की करोडो की सम्पत्ति 

सालों से वीरान पड़ी हाथीपोल की सब्ज़ी मंडी अब शराबियों, मवालियों व सटोरियों का अड्डा बन चुकी है; हाल ही में यहाँ एक मर्डर भी हो चूका है। 

 

उदयपुर की स्वच्छता सर्वेक्षण में रैकिंग कैसे सुधरेगी, जब शहर के बीचो बीच हाथीपोल स्थित सब्जी मंडी ही गंदगी से भरी है। ऐसे में खराब रैंकिंग को दुरुस्त करने की नगर निगम और प्रशासन की कवायद कागजी ही साबित हो रही है। हाथीपोल स्थित शहर की एक पुरानी और बड़ी सब्जी मंडी में कचरे का ढेर, शराबियों, मवालियों व सटोरियों का अड्डा है। जहाँ वह दिन भर शराब पीकर जुआ खेलते है और इसी जगह पड़े रहते है।

हाल ही में यहाँ एक शराबी ने दुसरे शराबी से झगडे के बाद हत्या कर दी थी। ना तो इस सब्ज़ी मंडी का मुख्य दुवार है, ना ही इसकी कोई देख-रेख करने वाला, और इधर लोग पेशाब तक खुले में सब्ज़ी मंडी की दीवारो पर करते है। इसकी हालत ऐसी लगती है जैसे की यह बरसों से वीरान बंद पड़ा खंडहर। ऐसे माहौल में गंदगी और बदबू के कारण और आए- दिन शराबियो के डर से हाथीपोल के सभी व्यापारी भी परेशान हैं। उन्होंने बताया कि रोजाना इस गंदगी और बदबू में उन्हें व्यापार करना पड़ता है। व्यापारियों, क्षेत्रवासियो और सब्ज़ी मंडी के बाहर सब्ज़ी बेचने वालो ने  प्रशासन द्वारा यहां पर साफ़-सफाई और उचित व्यवस्था का प्रबंध किए जाने की अपील की है।

क्या कहते है आसपास के दुकानदार

रॉयल बैग के संचालक हातिम अली ताज ने बताया की उदयपुर के हार्ट की तरह है हाथीपोल का मार्किट और पर्यटकों का मुख्य केंद्र है लेकिन यहाँ सबसे बड़ी असुविधा है पार्किंग की, इन सभी दुकानों के पीछे एक सब्ज़ी मंडी है जो की सालों से बेहाल पड़ी है, यहाँ गली में लोग टॉयलेट करते है, गंदगी के कारण यहाँ दिन भर बदबू आती है, रही सही कसर शराबी पूरी कर देते है।

हातिम ताज ने यह सुजाव भी रखा की हाथीपोल सब्ज़ी मंडी को एक शानदार मार्केट में तब्दील किया जा सकता है, इस पुरी बिल्डिंग में 40 दुकान आराम से निकल सकती है और इन सभी दुकानों के नीचे पार्किंग भी बन सकती है। जिससे पार्किंग की समस्या भी दूर हो जाएगी। क्यूंकि यहाँ सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। की कोई भी दुकानदार अपनी दुकान के सामने गाड़ी खड़ी नही करने देता है, जिसे टूरिस्ट और आमजन को परेशानी होती है, यहाँ पार्किंग बनने से इस परेशानी का भी हल निकल जाएगा. इसे नगर निगम को लाखों रूपए की आमदनी हो सकती है। मार्केट से दुकान की आमदनी अलग होगी और पार्किंग की अलग। वे कहते है की सब्ज़ी मंडी में एक शौचालय भी बना दिया जाए ताकि टूरिस्ट, स्थानीय लोग, मजदुरो को सहूलियत मिल सके। 

सजावट के संचालक जिनेन्द्र मेहता बताते है की यहाँ जो लोग शराब पी के दिनभर पड़े रहते है। इससे पूरा माहौल ख़राब होता है। साथ ही यहाँ गंदगी, बदबू की भी समस्या है। इससे सभी व्यापारी काफ़ी परेशान है। यदि हाथीपोल की सब्ज़ी मंडी की बाद पड़ी बिल्डिंग की साफ-सफाई कर इसका उपयोग किया जाए तो एक अच्छी पार्किंग बन सकती है। वे कहते है की उदयपुर आने वाला टूरिस्ट हाथीपोल की विज़िट ज़रूर करते है, उनके लिए यदि एक सुलभ शौचालय बना दिया जाए। उन्होंने प्रशासन से निवेदन किया की इस बिल्डिंग की ओर ध्यान दे। 

रेडीमेड सेंटर के संचालक तौक़ीर हुसैन सादड़ीवाला कहते है की हम प्रशासन से निवेदन करते है की वो इस बंद पड़े खंडहर सब्ज़ी मंडी की तरफ खास तवज्जो दे। इस मार्किट के हाल-बेहाल है इस बिल्डिंग में व्यस्थित रूप से दुकाने निकले ताकि ये सभी सब्ज़ी वाले व्यस्थित तरीके से अन्दर बैठकर अपना काम करे।  इससे दुकानदारो को परेशानी हो रही है की यह सभी सब्ज़ी वाले ठेले लेकर दुकानों के सामने खड़े हो जाते है। 

गुजरात टॉयज के संचालक मोहम्मद हुसैन खिलौनावाला ने बताया की इस बंद पड़ी मंडी में रात के समय बहुत अँधेरा रहता है। इससे यह खतरा भी रहता है की रात को अँधेरे में अपराधी तत्व किसी को हानी पंहुचा सकते है। इसलिए इस सब्ज़ी मंडी की उचित व्यवस्था की जाए। 

स्थानीय निवासियों ने बताई समस्या 

हाथीपोल खटीक समाज के पूर्व अध्यक्ष दयालाल निमावत ने बताया की यहाँ आये-दिन गंदगी रहती है। शराबी दिनभर इस खंडहर बनी सब्ज़ी मंडी में पड़े रहते है। नगर निगम वाले इस सब्ज़ी मंडी की ना तो साफ़ सफाई करवाते है ना ही इसकी देखरेख होती है। इन सभी असुविधाओ के कारण सब्ज़ी वाले को बाहर बैठना पड़ता है। 

स्थानीय निवासी हिम्मत लाल खटीक बताते है की महाराणा प्रताप के समय से यहाँ बकरा मंडी (सब्ज़ी मंडी) हुआ करती थी। शुरूआती दिनों में सब बैठते थे आज के समय में यहाँ कोई भी नही बैठता है। उसके बाद से यह वीरान पड़ा हुआ है । शराबी और मवालियों का अड्डा बना हुआ है। कोई रोक टोक करने वाला नही है। उन्होंने बताया की हमने पहले भी नगर परिषद में शिकायत की थी की इस सब्ज़ी मंडी में पार्किंग बनाने की व्यवस्था की जाए ताकि यहाँ जाने आने में किसी को समस्या नही होगी ।     

सब्ज़ी विक्रेताओं ने बताई अपनी समस्या  

रवि श्रीमाली जो की मूल रूप से कलकत्ता के रहने वाले है। वे 16 साल से उदयपुर में है और इस मंडी के समीप एक दुकान में सब्ज़ी बेचते है। वे कहते है की इस वीरान सब्ज़ी मंडी की सफाई हो जाए और सब को सब्ज़ी मंडी के अंदर सब्ज़ी बेचने के लाइसेंस दिए जाए ताकि उन्हें सड़क पर सब्ज़ी बेचना ना पड़े। यहीं नहीं यहाँ एक चोकीदार भी तैनात किया जाये ताकि गंदगी करने वाले और शराबियों पर रोक लग सके। और जो सब्ज़ी वाले बाहर रोड पर बैठते है, उनको लाइसेंस देकर अंदर बैठने के आदेश दिए जाए।

सब्ज़ी बेचने वाले मुहम्मद बताते है की यहाँ अब पहले की तरह इतनी बिक्री नही होती है। क्यूंकि सभी ग्राहक बाहर ठेले वालों से खरीदते है। इन सभी ठेले वालो को बाहर से अंदर बैठाया जाए और जो भी बाहर बैठता है उनके लाइसेंस को खारिज़ किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा की इस सब्ज़ी मंडी की साफ़-सफाई कराई जाए ताकि ग्राहक यहां आने से कतराये नहीं 

क्या कहते है पार्षद 

वार्ड 56 की स्थानीय पार्षद शहनाज़ अयूब ने बताया कि हाथीपोल में पिछले काफी सालों से सुनसान पड़ी सब्ज़ी मंडी महिलाओ के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित है। वे रात को यहाँ से आने जाने और गुज़रने में घबराती है। उन्होंने बताया कि 3 साल से लगातार बोर्ड बैठक की मीटिंग में उन्होंने बंद पड़ी सब्ज़ी मंडी के विषय पर अपना पक्ष रखा है लेकिन कोई भी अधिकारी इसकी सुध तक नही लेता है।

उन्होंने नगर निगम को इन समस्याओ के बारे में आगाह करते हुए कई बार बोला है। जो सब्ज़ी बेचने वाले बाहर बैठते है उन्हें अंदर बैठाया जाए, ताकि इससे नगर निगम वालो को अच्छी आमदानी भी हो जाएगी। सब्ज़ी मंडी के बाहर दरवाज़ा तक लगा हुआ नही है। नगर निगम इस पर ध्यान दे, इसका रंग-रोगन किया जाए। यहाँ कितनी बार लाइट लगाई गयी है पर असामाजिक तत्व सारी लाइट तोड़-फोड़ कर चले जाते है। यही कारण है की लोग यहाँ आने से डरते है। 
  
पूर्व पार्षद ने तो दावे के साथ कहा की  नगर निगम को पता ही नही की उदयपुर में उनकी कितनी प्रॉपर्टी है …… 

नगर निगम के पूर्व पार्षद मोहम्मद अयूब जो की सन 2004 -2009 तक हाथीपोल क्षेत्र के पार्षद रह चुके है। अयूब बताते है की आज जो ये मंडी भंगार नज़र आ रही है। उस समय में यहाँ लोग बैठा करते थे । लेकिन नगर निगम ने जान बूझ कर अनदेखा करते हुए इतनी बढ़िया मंडी को भंगार में तब्दील करने का काम किया है। सन 2008 के बाद एक भी रुपया नगर निगम ने इस बाज़ार पर खर्च नही किया। और आज देखिये यहाँ गरदुल्ले नशा करते है और कई तरह के अनुचित काम करते है। 

उन्होंने कहा कि नगर निगम की करोड़ों रुपयों की सम्पति जिसको अधिकारी पुरी तरह से अनदेखा कर रहे है। वे कहते है की नगर निगम को पता भी है या नही की यह प्रॉपर्टी उनकी है? शायद नगर निगम भूल चुकी है की या उसे ध्यान नही की यह प्रॉपर्टी किसकी है? मुहम्मद अयूब कहते है की वो दावे के साथ कह सकते है की नगर निगम को उदयपुर में पता ही नही की उनकी कितनी प्रॉपर्टी है। अगर उनको याद दिलाया जाए की यह प्रोपर्टी नगर निगम में आती है तो ठीक है। उन्हें 100 बार बोल चुके है की इस प्रॉपर्टी पे ध्यान दीजिए, इसका डेवेलपमेंट कीजिये कुछ नही तो कम से कम इससे कमर्शियल ही बना दीजिए। जो सब्ज़ी वाले बाहर बैठते है । उनको आपने लाइसेंस दे रखे तो किस लिए दे रखे है लाइसेंस इसलिए की इस मंडी में बैठना है इससे डेवलप करना है।  ताकि लोग अंदर आए। पूरे हाथीपोल में नगर निगम ने अतिक्रमण करवा रखा है।

उन्होंने बताया कि शहर एक स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है और इन्होने इस तरह की लापरवाही करी है । मोहम्मद अयूब ने महापौर, उपमहापौर और खास कर के निर्माण समिति के अध्यक्ष पर जोर देते हुए कहा की निर्माण समिति के अध्यक्ष को तो पता भी नही की यहाँ बाज़ार भी है वे कभी उदयपुर का भ्रमण करे और देखे की उदयपुर में नगर निगम की कोन-कोन सी प्रॉपर्टी है केसे इन सब को डेवलप किया जाए ? क्या इन में बदलाव लाया जाए?            

उदयपुर नगर निगम के ज़िम्मेदारो से उदयपुर टाइम्स की टीम ने जब हाथीपोल की वीरान पडी सब्ज़ी मंडी के विषय पर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने जवाब में कहा की हमे इस मामले की कोई जानकारी नही है, हम इस मामले में आगे जानकारी प्राप्त करने के बाद उचित की कार्यवाही करके इस समस्या का हल निकालेंगे।

शहर की एक मशहूर सब्जी मंडी अब इस हाल में है (Photos)