शहर की हर गली का इतिहास होगा लिपिबद्ध - महापौर
शहर के इतिहास पर चर्चा हेतु जुटे इतिहासकार
कला और संस्कृति के नाम पर भी होंगे मार्गो के नाम - उपमहापौर
उदयपुर। नगर निगम महापौर गोविंद सिंह टाक की पहल पर उदयपुर के प्रमुख इतिहासकारों ने नगर निगम पहुंचकर शहर के इतिहास के बारे में गहन चर्चा कर शहर के हर गली मोहल्ले के इतिहास को लिपि बंद कर वहा उनका नाम एवं इतिहास पत्थर पर अंकित करने का तय किया गया।
नगर निगम उप महापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया कि शहर की संस्कृति एवं विरासत के लिए शुक्रवार का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण दिन साबित होगा। महापौर गोविंद सिंह टांक की अध्यक्षता में शहर के प्रमुख इतिहासकारों ने शहर की संस्कृति कला एवं इतिहास को कैसे पर्यटकों के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी को कैसे अवगत कराया जाय इसको लेकर गहन विचार विमर्श किया गया।
बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, इतिहासकार डॉ देव कोठारी, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, डॉक्टर विवेक भटनागर, डॉ महावीर प्रसाद जैन, डॉ राजेंद्र नाथ पुरोहित, डॉक्टर मनीष श्रीमाली, हेमेंद्र चौधरी, मदन मोहन टांक, मधुसूदन पांड्या, प्रोफेसर मीना गोड, सेवानिवृत्त आर ए एस एवं पूर्व नगर निगम आयुक्त दिनेश कोठारी, पूर्व सभापति युधिष्ठिर कुमावत, विरासत समिति के अध्यक्ष मदन दवे, पार्षद महेश त्रिवेदी, चंद्रप्रकाश सुहालका आदि ने अपने विचारो से अवगत करवाया।
इतिहासकारों के साथ हुई बैठक में तय किया गया कि शहर की आने वाली पीढ़ी एवं पर्यटकों को उदयपुर के हर गली मोहल्ले के नाम करण के बारे में एवं उसके इतिहास की संपूर्ण जानकारी सहज रूप में कैसे प्राप्त हो इसको लेकर कार्य योजना का मैप तैयार किया जाए।
बनाई जाएगी सब कमेटी
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता गिरिजा व्यास द्वारा बैठक में प्रस्ताव रखा कि इस कार्य हेतु इतिहासकार और इस कार्य से जुड़े लोगों की सब कमेटी बनाई जावे जो इस कार्य को क्रियान्वित करें। गिरिजा ने कहा की उदयपुर का इतिहास अपने आप में अलग महत्व रखता है इसलिए हमें कमेटी बनाकर इस कार्य को क्रियान्वित किया जाना चाहिए जिससे कोई त्रुटि नहीं रहे। गिरजा व्यास के सुझाव का महापौर गोविंद सिंह टांक ने समर्थन किया।
नए नाम को लेकर भी हुई चर्चा
उदयपुर शहर के विभिन्न मार्गो एवं चौराहे के नामकरण को लेकर भी गहन विचार विमर्श किया गया एवं तय किया गया कि जो व्यक्ति इतिहास में भुला दिए गए हैं लेकिन उनका उदयपुर के निर्माण में महत्वपूर्ण सहयोग रहा है ऐसे व्यक्तियों के नाम पर ही चौराहो एवं मार्गों का नामकरण किया जाएगा।
विस्तार में बहुत खोया
शुक्रवार को नगर निगम कार्यालय में इतिहासकारों के साथ हुई बैठक में महापौर गोविंद सिंह टाक ने दुख भरे लहजे में कहा कि विस्तार को लेकर हमने बहुत कुछ इतिहास के साथ में छेड़छाड़ की है। जो कि न्याय संगत नहीं है हमें इतिहास को संजोना है हमारी पहचान पूर्वजों द्वारा निर्मित हवेलियों भवनों एवं मार्गो से ही है। यदि हम इसका संरक्षण नहीं कर सके तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेगी। उदयपुर के इतिहास में संस्कृति को विशेष महत्व दिया है। आज चेतक सर्कल, गवरी चौक, शिक्षा भवन, लोक कला मंडल चौराहा आदि जो भी नामकरण है इससे यह प्रतीत होता है कि हमारा इतिहास संस्कृति एवं कला के ऊपर आधारित रहा है।
हर मोहल्ले के बाहर लगेगी प्लेट, लिखेंगे इतिहास
नगर निगम उप महापौर एवं स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी ने सभी इतिहासकारों को पूरी तरह आश्वस्त किया कि हम उदयपुर के सभी मोहल्लों के किए गए नामकरण की जानकारी का शिलालेख बनवाकर लगवाएंगे जिससे आने वाली पीढ़ी एवं पर्यटक यहां के इतिहास से रूबरू हो सके। शहर के अनेक मोहल्ले का इतिहास जो विलुप्त के कगार पर हैं उन्हें हमें धरोहर के रूप में संरक्षित करेंगे और उन्हें नई पहचान दिलाएंगे। यह कार्य वर्तमान बोर्ड का सबसे महत्वपूर्ण कार्य होगा।