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ऑफिसों में छुट्टियों को गिफ्ट करने का बढ़ रहा है चलन

यह पॉलिसी नए कर्मचारियों की भी मदद करता है जिनके पास बहुत कम छुट्टी होती है

 

उदयपुर,11 जनवरी। कई ऑफिसों में 'गिफ्ट-ए-लीव पॉलिसी' का चलन बढ़ता जा रहा है, जहां कर्मचारी इमरजेंसी में अपने साथी कर्मचारी को छुट्टी उपहार में दे सकते हैं। भारत की कुछ कंपनियों में यह सिलसिला शुरू हो चुका है। किसी कर्मचारी की निर्धारित छुट्टियां अगर खत्म हो गई है तो उसके साथी कर्मचारी उसे अपनी छुट्टियां उपहार में दे रहे हैं। डेलॉयट इंडिया बेनिफिट्स नाम के संगठन के सर्वे के मुताबिक कंपनियों में 'गिफ्ट ए लीव पॉलिसी' का चलन बढ़ रहा है। 

सर्वे के मुताबिक इस तरह की पॉलिसी अपनाने से दोस्ती और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देना शामिल है। यह पॉलिसी नए कर्मचारियों की भी मदद करता है जिनके पास बहुत कम छुट्टी होती है। 2023 में आयोजित डेलॉयट इंडिया बेनिफिट्स स्टडी में मैन्युफैक्चरिंग सर्विस, फार्मास्यूटिकल्स, टेक, फाइनैंस और कंस्यूमर जैसे सेक्टर से जुड़ीं 200 से अधिक फर्मों को शामिल किया गया है। मैरिको, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और BT ग्रुप इंडिया जैसी कंपनियों के एग्जिक्यूटिव्स ने इस बात की पुष्टि की कि इस तरह की पॉलिसी अपनाई गई है।

क्या है फायदा?

डेलॉयट इंडिया के निदेशक नीलेश गुप्ता के मुताबिक, यह कर्मचारियों के अलावा कंपनी के लिए भी फायदेमंद है। ब्रिटेन स्थित दूरसंचार कंपनी बीटी ग्रुप की लोकल यूनिट ने भारत के लिए अपनी एचआर पॉलिसी के हिस्से के रूप में अगस्त 2023 में यह नीति शुरू की थी। बीटी ग्रुप इंडिया के एचआर डायरेक्टर जय मुथु ने कहा कि इसका उपयोग धीरे-धीरे बढ़ रहा है। हालांकि यह एक प्रतिशत से भी कम है। इसकी वजह यह है कि इसका उपयोग केवल इमरजेंसी की स्थिति में किया जाता है। 

पर्सिस्टेंट सिस्टम्स के मुख्य लोक अधिकारी योगेश पटगांवकर का कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान 'डोनेट/गिफ्ट योर लीव' पॉलिसी लागू की थी। हालांकि महामारी के बाद इसका चलन कम हो गया, इसलिए अब कंपनी ने इस नीति का दायरा बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि गिफ्ट में छुट्टी देने से कर्मचारियों, विशेष रूप से नए कर्मचारियों में सुरक्षा की भावना पैदा करने में मदद मिलती है।