साल 2025 से उदयपुर वासियो की उम्मीद
साल 2024 अब विदा होने की तैयारी में है जबकि नए साल 2025 का आगमन होने वाला है। आइये एक नज़र डालते है नए साल में उदयपुरवासियों की वह उम्मीदे और आशाएँ जिन्हे वह इसी साल पूरा होते देखना चाहते है। इस साल में उदयपुरवासियों ने बहुत कुछ मंज़र देखे है जिनमे से कुछ मंज़र वह दुबारा देखना चाहते है तो कुछ मंज़र ऐसे भी देखे है जिन्हे कोई भी दुबारा देखना नहीं चाहता।
उदयपुर अहमदाबाद (असारवा) मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ सकती है ट्रेन
उदयपुर असारवा रुट पर आने वाले साल में इलेक्ट्रिक इंजन से दौड़ सकती है ट्रेन। उदयपुर से असारवा तक विद्युतीकरण पूरा हो चुका है, इस रुट पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने का लक्ष्य 2025 की शुरुआत में रखा गया है।
उदयपुर अहमदाबाद ब्रोडगेज़ पर मुंबई और दक्षिण भारत तक जाने वाली ट्रेनों का इंतज़ार
17 साल के इंतज़ार के बाद उदयपुर अहमदाबाद रुट पर रेलसेवा शुरू हुई। वर्तमान में इस ट्रेक पर उदयपुर से अहमदाबाद (असारवा) तक रेलगाड़ियों का संचालन हो रहा है। अब जनता इस ट्रेक पर और अधिक ट्रेन संचालित होने का इंतज़ार कर रही है। खासकर जनता इस ट्रेक के ज़रिये मुंबई वाया अहमदबाद और उदयपुर से वाया अहमदाबाद दक्षिण भारत से जुड़ने की भी बेसब्री से इंतज़ार कर रही है।
लेकसिटी से इंटरनेशनल फ्लाइट
पर्यटन नगरी और झीलों का शहर लेकसिटी के पयर्टन उद्योग को चार चाँद लगाने की दृष्टि से उदयपुर के महाराणा प्रताप हवाई अड्डे से वर्तमान में घरेलु उड़ानों को ही संचालित किया जा रहा है। लेकसिटी के महाराणा प्रताप एयरपोर्ट से इंटरनेशनल फ्लाइट का इंतज़ार ने सिर्फ लेकसिटी के पर्यटन जगत को बल्कि मेवाड़ वागड़ से खाड़ी देशो में कार्यरत अप्रवासियों को भी बेसब्री से इंतज़ार है। यदि लेकसिटी से इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू हो जाए तो न सिर्फ पर्यटन और व्यापर जगत बल्कि अप्रवासी भी लाभन्वित होंगे।
निकाय चुनावो की रहेगी धूम
वर्ष 2024 में जहाँ लोकसभा चुनावो की धूम रही थी तो इस वर्ष में प्रस्तावित निकाय चुनावो के मद्देनज़र फिर से चुनावी माहौल होगा। जहां चुनाव में टिकटों की मारामारी, आपसी खींचतान, नफरती और विवादास्पद बयान भी देखने सुनने को मिलेंगे, वहीँ कुछ नेताओ की आदतन उटपटांग बयानबाज़ी से भी जनता का मनोरंजन होग।
हाईकोर्ट बेंच
मेवाड़ वागड़ की जनता के इस दीर्घकालीन सपने को हकीकत में बदलना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है। प्रदेश के सत्ता पर काबिज़ दोनों ही बड़ी पार्टिया इस मुद्दे को चुनावो के समय जनता को झुनझुना तो थमा देती है लेकिन जनता के हाथ अभी भी हाईकोर्ट बेंच से खाली है। इस को लेकर बड़े बड़े आंदोलन भी हो चुके है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है कारण की मेवाड़ के वर्तमान नेतृत्व में दोनों ही पार्टी के कागज़ी शेर इस मुद्दे पर दहाड़ने की ताकत खो चुके है।
ट्रैफिक जाम से कब मिलेगी मुक्ति
लगभग तीन साल से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई थी चूँकि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट द्वारा सड़क की खुदाई और भरने का काम तो पूरा हो गया लेकिन ट्रैफिक जाम से शहर से मुक्ति नहीं मिली है। इस साल में फतहपुरा चौराहे से अतिक्रमण हटाया गया। इसी प्रकार नए साल में शहर में कई स्थानों पर बोटलनेक हटाया जाये तो ट्रैफिक जाम से राहत मिल सकती है। वहीँ रेलवे स्टेशन से दिल्ली गेट कोर्ट चौराहा पर प्रस्तावित फ्लाईओवर की योजना शुरू होने से भी राहत मिल सकती है।
क्या अतिक्रमण से मुक्त होगा शहर
शहर में कई स्थानों पर धड़ल्ले से हो रहे अतिक्रमण पर नगर निगम की कार्यवाहियों के चलते इस साल भी क्या शहर अतिक्रमण से मुक्त होगा ? ऐसा प्रतीत तो नहीं होता लेकिन फिर भी उदयपुर वासी उम्मीद तो कर ही सकते है।
देश की सबसे बड़ी गोल्ड लूट के आरोपियों की गिरफ्तारी का इंतज़ार
2022 के अगस्त माह में हुई मण्णपुरम फाइनेंस कम्पनी में देश की सबसे बड़ी गोल्ड लूट की घटना के डेढ़ साल बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। हालाँकि इस घटना का खुलासा तो हो गया लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। इसी प्रकार सुंदरवास हत्याकांड में बिहार निवासी हत्यारे पर पुलिस और कानून के लम्बे हाथ नहीं पहुँच पाए है।
कन्हैयालाल हत्याकांड के मुजरिमो को सजा मिलने का इंतज़ार
वर्ष में 2022 में बहुचर्चित और शहर के साथ देश दुनिया को झकझोर देने वाली कन्हैयालाल हत्याकांड घटना के मुजरिम तो उसी दिन पकड़ में आ गए थे लेकिन उदयपुर को झकझोरने वाली नृशंस घटना के ज़िम्मेदारो को उदयपुर वासी जल्द कड़ी से कड़ी सजा मिलने का समाचार सुनने को बेताब है। उम्मीद है यह सजा इसी वर्ष सुनाई जाएगी।
इसी प्रकार इसी साल घटित हुई देवराज हत्या के आरोपी को सजा मिलने और मामले में न्याय होने की उम्मीद है। वहीँ दो साल पूर्व बोहरा समाज की दो वृद्ध महिलाओ की आरोपी को भी सजा मिलने और मामले में न्याय होने का इंतज़ार रहेगा।