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हिन्दुस्तान जिंक की महिला रेस्क्यू टीम ने जीता सर्वश्रेष्ठ उपविजेता टीम का पुरस्कार

हिन्दुस्तान जिंक की महिला रेस्क्यू टीम की खान एवं बचाव प्रतियोगिता में सहभागिता भारत के इतिहास का स्वर्णिम दिन- आर टी मांडेकर, उप महानिदेशक खान सुरक्षा

 

हिन्दुस्तान जिंक के आतिथ्य में इंट्रा जोनल खान बचाव प्रतियोगिता का समापन

हिंदुस्तान जिंक की रामपुरा अगुचा माइन के आतिथ्य एवं खान सुरक्षा महानिदेशालय, उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के तत्वावधान 3 दिवसीय इंट्रा जोनल माइन रेस्क्यू प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। सुरक्षा और बचाव कार्यों के प्रति अनुकरणीय समर्पण प्रदर्शित करने वाली इस प्रतियोगिता की उद्योग विशेषज्ञों और डीजीएमएस अधिकारियों ने प्रशंसा की। 

तीन दिवसीय प्रतियोगिताओं का आयोजन रामपुरा आगुचा भूमिगत खान के रेस्क्यू रूम आरआरआरटी में किया गया। खान सुरक्षा महानिदेशालय के निर्देशन में आयोजित प्रतियोगिता में रामपुरा आगुचा माइंस ने सर्वश्रेष्ठ एवं देश की पहली पूर्ण महिला बचाव दल ने सर्वश्रेष्ठ उपविजेता टीम का पुरस्कार जीता।

समापन समारोह के दौरान आर.टी. मांडेकर खान सुरक्षा उप महानिदेशक उत्तर पश्चिम क्षेत्र ने सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता हेतु हिंदुस्तान जिंक की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारतीय माइनिंग इतिहास के स्वर्ण पन्नों में लिखा जाएगा जहां महिला रेस्क्यू टीम ने खान एवं बचाव प्रतियोगिता में भाग लेकर इतिहास रचा है जो कि हिन्दुस्तान जिंक का प्रशंसनीय और अनुकरणीय कदम है। 

उन्होंने महिलाओं की खदान बचाव टीम की उनके समर्पण और ऊर्जा की सराहना की, जिसने उन्हें प्रतियोगिता में अपनी पहली उपस्थिति में ओवरऑल रनर अप का पुरस्कार दिलाया। उन्होंने कहा कि आपात काल परिस्थिति में सदैव तैयार रहने हेतु प्रेरित करना इस तरह के आयोजन का उद्धेश्य है जो कि इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों का उत्साह देखकर पूर्ण होता दिखायी दिया। 

मेटल माइंस की टीम में रेस्क्यू टीम की आवश्यकता महत्वपूर्ण है, हिन्दुस्तान जिंक अग्रणी एवं कई मानक स्थापित करने में सक्षम कंपनी होने के साथ स्वयं रेस्क्यू प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करें। मांडेकर ने कहा कि आपात काल में ही नही रेस्क्यू टीम की क्षमता को लगातार तराशा जाएगा ताकि खदान में श्रमिक की सुरक्षा सदैव सुनिश्चित हो।

समापन समारोह के दौरान हिन्दुस्तान जिंक के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी कृष्ण मोहन नारायण ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक सुरक्षा के साथ आधुनिक तकनीक और प्रोग्रेसिव विचारों के साथ डीजीएमएस के मार्गदर्शन में कार्य हेतु प्रतिबद्ध है। हम सुरक्षा और सुरक्षित उत्पादन के लिये हर प्रयास एवं नवाचारों के साथ अग्रसर है जिसे सुनिश्चित कर इसे जारी रखा जाएगा।

तीन दिवसीय इस कार्यक्रम के दौरान एयर बेस चैलेंज, रेस्क्यू एवं रिकवरी, थ्योरी एवं फर्स्ट एड की विभिन्न प्रतियोगिताएं हुई जिसमें हिन्दुस्तान जिंक की रामपुरा आगुचा माइन, कायड माइन, जावर माइन, राजपुरा दरीबा की एसके एवं आरडी माइन की टीम,  हिन्दुस्तान काॅपर एवं देश की पहली महिला रेस्क्यू टीम ने भाग लिया। समारोह में टॉम मैथ्यू डीएमएस उत्तर पश्चिम क्षेत्र और प्रतियोगिता के मुख्य जज, विशिष्ट अतिथि बी.दयासागर निदेशक खान सुरक्षा उदयपुर क्षेत्र, सुरजीत कटेवा डीएमएस अजमेर क्षेत्र प्रथम, डॉ. आई सत्यनारायण डीएमएस अजमेर क्षेत्र द्वितीय, रामपुरा आगुचा माइंस के एसबीयू डायरेक्टर किशोर एस, जावर माइंस के एसबीयू हेड राममुरारी सहित हिन्दुस्तान जिंक के अधिकारी एवं डीजीएमएस के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

हिन्दुस्तान जिंक को माइन रेस्क्यू में देश की पहली महिला टीम का गौरव

हिन्दुस्तान जिंक की एक बड़ी पहल के तहत राजस्थान में खनन कार्यों में अत्यधिक सुरक्षा रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए पहली बार महिलाओं की खनन टीम को प्रशिक्षित किया है। हिंदुस्तान जिंक के सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट गोल्स के तहत रेस्क्यू रूम रिफ्रेशर ट्रेनिंग (आरआरआरटी) की देखरेख और मार्गदर्शन में सात महिला अधिकारियों को राजसमंद जिले के राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स में प्रशिक्षित कर चयन किया गया । 

यह नवीन पहल कार्यस्थल में होने वाली किसी भी प्रकार की हानि को रोकने और खनन कार्यों में जीरो हार्म सुनिश्चित करने के उद्धेश्य से की गयी।  कठोर चयन प्रशिक्षण के बाद, सात महिलाएँ जिनमें सिंदेसर खुर्द खदान से चार, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स से एक और जावर ग्रुप ऑफ माइंस से दो महाराष्ट्र में माइन रेस्क्यू स्टेशन, नागपुर में प्रारंभिक खदान बचाव प्रशिक्षण के लिए चयनित की गयी जिन्हें  14 दिनों के कठिन प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था। इन सभी ने सफलता पूर्वक अपना प्रशिक्षण पूर्ण कर देश में माइन रेस्क्यू में पहली 7 महिलाएं होने का गौरव हांसिल किया हैै।