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आरएनटी:सिकल सेल सेंटर को आईसीएमआर से मंजूरी

 

इसलिए जरूरी ... सबसे ज्यादा केस आदिवासी आबादी में

 

उदयपुर। आईसीएमआर (ICMR) ने आरएनटी मेडिकल कॉलेज में सिकल सेल सेंटर को मंजूरी दे दी है। अनुसंधान परियोजना सिकल सेल रोग में वासो - ओक्लूसिव संकट के लिए नैदानिक प्रोफाइलिंग और आनुवंशिक जोखिम कारकों का अध्ययन किया जाएगा। आरएनटी अब सिकल सेल रोग से संबंधित शोध कार्य बीएचयू, एम्स- रायपुर (एमपी) और आरआईएमएस (RIMS) - झारखंड के साथ भी कर सकेगा। शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ और आरएनटी के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. लाखन पोसवाल और एसोसिएट प्रोफेसर (बायोकेमिस्ट्री) डॉ. जमील मोहम्मद की निगरानी में यह अध्ययन किया जाएगा।

अभी तक इस बीमारी पर कोई खास अनुसंधान नहीं किए गए हैं, जबकि यह बीमारी आदिवासी आबादी में सबसे ज्यादा होती है। आदिवासी आबादी की आनुवंशिक प्रोफाइलिंग नहीं है, जिसकी वजह से परामर्श, स्क्रीनिंग और चिकित्सीय हस्तक्षेप में परेशानी होती है।

प्रोफाइलिंग का शोध होगा-

  •  सिकल सेल रोग से पीड़ित आदिवासी आबादी की सामाजिक - महामारी विज्ञान और नैदानिक प्रोफाइलिंग का अध्ययन करना।
  • अगली पीढ़ी के अनुक्रमण दृष्टिकोण का उपयोग करके रोग से पीड़ित रोगियों में आवर्ती वासो- ओक्लूसिव संकट एपिसोड से जुड़े आनुवंशिक वेरिएंट की जांच करना। 
  • आदिवासी एससीडी रोगियों के लिए जीनोटाइप-फेनोटाइप सहसंबंध उत्पन्न करना।