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खारोल कॉलोनी स्थित पार्क पर अवैध कब्ज़ा

जिम्मेदार भी चुप्पी साधे हुए हैं, परिवार किसी कांग्रेसी काउंसलर का ड्राइवर बताया जा रहा है

 

उदयपुर 27 अक्टूबर 2023। शहर के खारोल कॉलोनी में स्थित एक पब्लिक पार्क पर किसी व्यक्ति द्वारा अवैध कब्ज़ा करने की बात सामने आई है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है की कई बार प्रयास करने के बाद भी यह व्यक्ति अपने परिवार के साथ इस पार्क में बने कमरे में जबरदस्ती रह रहा है और इसको लेकर जिम्मेदार भी चुप्पी साधे हुए हैं। 

इसको लेकर क्षेत्र के लोगों ने बोहरा युथ संस्थान के बैनर तले नगर निगम को निगम के वार्ड न. 69 में बने इस पब्लिक पार्क को इस व्यक्ति से मुक्त करवाने के लिए भी गुहार लगाई है। 

इलाके के ही रहने वाले और संस्थान के वरिष्ठ सदस्य युसूफ आर जी ने उदयपुर टाइम्स से बात करते हुए बताया की उनके संस्थान द्वारा इस पब्लिक पार्क को नगर निगम से वर्तमान पार्षद अली असगर की अनुशंसा पर 5 सालों के लिए पार्क के रख-रखाव, सौर्दयीकरण एवं सुरक्षा के लिए गौद लिया गया। ताकी पार्क में क्षेत्रवासियों द्वारा समय समय पर अच्छे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सके।  

इस पब्लिक पार्क में एक फैमिली पहले से रह रही थी जिस से गोद लेने के प्रक्रिया पूरी होने के बाद  उंनके द्वारा सूचित किया गया था की वहां बने कमरे को खाली कर दे, आने वाले समय में इस कमरे की जरुरत पड़ेगी और अब संस्था इस जगह का विकास अपने हिसाब से करेगी, लेकिन कई बार इसको लेकर सूचित करने के बाद भी कमरा खाली नहीं किया गया। 

युसूफ आर जी ने कहा की इस परिवार ने इतने सालों में न ही उस जगह का सही से ध्यान रखा और ना ही सही से उसका विकास कार्य किया। बल्कि वहां निगम द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही सभी सेवाओं का भी उनके द्वारा उपयोग किया जा रहा था। इस के अलावा उनका कहना है की इस फैमेली में मुखिया युवक की नशा करने की भी आदत है जिस से सभी क्षेत्रवासी परेशान है साथ ही डरे हुए रहते है।  

युसूफ आर जी ने कहा की इस मामले को लेक रस्थानीय पार्षद को भी अवगत करवाया गया है जिस पर उसने कुछ समय में इस समस्या के निस्तारण की बात कही है। इसके अतिरिक्त निगम के सम्बंधित अधिकारीयों को भी इसकी शिकायत लिखित में दी गई है जिस पर उनके द्वारा कार्यवाही करने का अब तक केवल आश्वासन ही दिया गया है। 

अधिकारी मौका मुआयना भी करके गए हैं लेकिन कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है। कार्यवाही नहीं होता देख पुनः एक लेटर लिखकर क्षेत्रवासियों के हस्ताक्षर के साथ निगम के महापौर के ऑफिस में दिया गया जिस पर उन्होंने मार्क कर के आर ओ साहब को फॉरवर्ड कर दिया गया है।  

युसूफ आर जी ने कहा की जिस तरह लगातार अवगत करने के बाद भी कोई करवाई नहीं की जा रही है तो इस से यही प्रतीत होता है की निगम का भी उस परिवार को पार्क में बने कमरे में रहने देने के पीछे सहयोग है और ये ही कारण है की अभी तक कोई ठोस कार्यवाही निगम द्वारा इस मामले मे नहीं की गई है। 

उन्होंने कहा की अगर निगम के द्वारा बनाये गए पार्क के कमरे में यह फैमिली रहती है तो कहीं ना कहीं इसमें सरकार का भी रेवन्यू का नुक्सान है। साथ ही क्षेत्रवासियों को भी नुक्सान है। इस पार्क में आवारा श्वान भी अंदर आते है जो पार्क को ख़राब करते है साथ ही कई तरह के कीड़े मकोड़े भी पनप रहे है जिस से यहाँ आने वाले बच्चो को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में निगम को चाहिए की जल्द से जल्द इस पार्क को खाली करवाया जाए। 


यह था मामला 

यह पार्क  यू.आई.टी. अनुमोदित लगभग 60 से 70 भूखंडों की आवासीय कॉलोनी योजना में प्रस्तावित था तथा समस्त कालोनी वासीयों के परिवारों के लिये प्रतिबंधित है। जिसे कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन वार्ड पार्षद भगवान लाल खारोल के सहयोग से विकसित किया गया। तथा निवासियों के अनुरोध पर पार्क के औजारों- उपकरणों को रखने के साथ-साथ माली/सह-चौकीदार के रहने के लिए एक कमरे का भी निर्माण करवाया गया।

दिनांक 18 अगस्त 2023 को विधिवत चार्ज लेते समय को उचित रखरखाव के अभाव में उद्यान की स्थिति संतोषजनक नहीं थी एंव कमरे पर एक परिवार रह रहा था जिसका आज भी कब्जा है। जानकारी के अनुसार परिवार किसी कांग्रेसी काउंसलर का ड्राइवर बताया जा रहा है।

पार्षद ने आश्वासन दिया था कि कमरा जल्द ही खाली कर सौंप दिया जाएगा । जो कि आज तक खाली नहीं हो पाया है। जिसके परिणामस्वरूप जिस उद्देश्य के लिए उद्यान को गोद लिया गया था वह अपूर्ण है। तथा रख-रखाव के अभाव में पार्क जर्जर अवस्था में बदलते जा रहा है। घास में काफी खरपरवार उग आने से काफी जीव-जंतु पैदा हो गये है, आवारा कुत्तों का जमावरा भी बना रहता है, प्रायः सांप आदि भी पाये गये है जिससे आस-पास के रहवासीयों बच्चों ने पार्क में भम्रण करना भी बंद कर दिया है। 

इस परिवार के मुखिया का स्वयं नशा प्रवृति के होने व अवैध गतिविधयों के बारे में लोगों की शिकायते मिलते रहने से विशेष रूप से महिलाएं और लड़कियां एंव स्थानीय लोग बहुत आहत एंव असुरक्षित भी है। चूंकि परिवार वार्ड पार्षद अली असगर की सहमति से निवासरत था। पार्षद महोदय के अनुसार निवासरत परिवार परिसर खाली करने में टाल-मटोल कर रहा हैं और वह असहाय हैं।

इस को लेकर हमारे प्रतिनिधि मण्डल नेअधिकारीयों से मुलाकत की और लिखित निवेदन किया था तथा निर्देशानुसार संबंधित अधिकारी से सम्पर्क करने पर मौके का दौरा किया गया एंव आश्वस्त किया गया कि एक टीम भेजकर निवासरत परिवार से कमरा खाली करवा कर हमें सौंप दिया जाएगा जो कि आज दिनांक तक सम्भव नहीं हो पाया है ।