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बूझड़ा गांव में ताज अरावली रिसोर्ट मामलें में हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव सहित 6 जनों को थमाया नोटिस

याचिका में कहा गया कि रिसोर्ट निर्माण में निर्माता ईशान क्लब एण्ड होटल प्रा.लि. ने सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अमरजोक नदी पर अतिक्रमण कर रास्ता बना दिया

 

21 दिन में जवाब मांगा

उदयपुर। बूझड़ा गांव में बनी ताज अरावली रिसोर्ट मामलें लगायी गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव, जिला कलेक्टर उदयपुर, नगर विकास प्रन्यास सचिव उदयपुर, प्रदुषण नियंत्रण मण्डल, वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेन्ट व ताज अरावली (ईशान क्लब एण्ड होटल प्रा.लि. मुबंई) को नोटिस भेजकर 21 दिन में जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट के जज संदीप मेहता व मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता ख्यालीलाल सुहालका, बूझड़ा गांव के तुलजाशंकर नागदा, पुष्करलाल नागदा व अन्य द्वारा राजस्थान सरकार व अन्य के विरूद्ध बूझड़ा गांव में बनें ताज अरावली रिसोर्ट मामलें में की गई नियमों की अनदेखी पर लगायी गई जनहित याचिका पर सुनवायी करते हुए मंगलवार को उपरोक्त संबंधित सभी 6 पार्टियों को नोटिस भेजें। याचिका में कहा गया कि रिसोर्ट निर्माण में निर्माता ईशान क्लब एण्ड होटल प्रा.लि. ने सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अमरजोक नदी पर अतिक्रमण कर रास्ता बना दिया।

याचिका में कहा गया कि इसी रास्तें पर भूमि रूपान्तरण संभव नहीं था लेकिन कम्पनी नेे अपने प्रभाव से प्रन्यास से न केवल रूपान्तरण करा दिया वरन् बिना किसी स्वीकृति के रिसोर्ट का निर्माण भी कर लिया। कंपनी ने अमरजोक नदी व देवास टनल के मुहानें पर अवैध निर्माण कराया। इन्होंने जलग्रहण क्षेत्र की पहाड़ियों की कटाई व नाला बहाव क्षेत्र में अवरोध पैदा कर बारीश के पानी को नदियों में आने से रोकने का कार्य किया। भूमि पर वृृ़क्ष काट कर अतिक्रमण किया। इसके अलावा सिंचाई विभाग ने कंपनी को गैर कानूनी तरीके से यह भूमि लीज पर दी।

आश्चर्य की बात यह है कि जिस भूमि को पूर्व प्रन्यास सचिव ने नदी बता कर ईशान क्लब के आवेदन को खारिज कर दिया उस आवेदन को पूर्व प्रन्यास सचिव के स्थानान्तरण के पश्चात स्वीकार कर लिया गया।