{"vars":{"id": "74416:2859"}}

भारतीय सेना ने प्रेस ब्रीफिंग कर ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी

प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका शामिल हैं
 

नई दिल्ली 7 मई 2025।  भारतीय सेना की तरफ से बुधवार 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जानकारी दी गई। भारतीय सेना की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका शामिल हैं। 

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देते हुए बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। ये खास ध्यान दिया गया कि निर्दोष नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचे, इसलिए एजेंसियों के इनपुट पर खास ध्यान दिया गया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि वीभत्स पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया। कर्नल सोफिया कुरैशी ने मुंद्रिके और पाकिस्तान के साथ ही पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित अन्य आतंकवादी शिविरों पर किए गए कई हमलों के वीडियो प्रस्तुत किए।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, 'पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। 9 आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया'

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, '25 अप्रैल को UNSC की प्रेस वक्तव्य में TRF के संदर्भ को हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकी हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं'

PoK में कहां-कहां हुआ हमला?

कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि सैन्य बल की तरफ से 6 से 7 मई को रात 1 बजकर 5 मिनट से 1.30 बजे के बीच अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि इन टारगेट का सेलेक्शन विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर हुआ ताकि आतंकी गतिविधियों की रीढ़ तोड़ी जा सके। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद को निशाना बनाया गया। यह पीओके में स्थित है और एलओसी से 30 किलोमीटर दूर है। यह लश्कर का सेंटर था। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने सवाईनाला कैंप से ही प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद सैदना बिलाल कैंप को निशाना बनाया गया। यह जैश का स्टेजिंग एरिया है। यह हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग का कैंप भी था। इसके बाद फूलपुर कैंप पोटली, एलओसी से 30 किलोमीटर दूर था। यह लश्कर का बेस था जो राजौरी और पुंछ में सक्रिय था।

लश्कर का ट्रेनिंग कैंप तबाह

अप्रैल 2023 पुंछ में और जून 2024 में तीर्थयात्रियों पर बस हमले में यहीं से आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। इसके अलावा बरनाला कैंप, भींबर एलओसी से 9 किलोमीटर दूर है। यहां से हथियार हैंडलिंग और जंगल सर्वाइवर ट्रेनिंग दी जाती थी। इसके अलावा अब्बास कैंप पोटली को भी नष्ट किया गया। यह कैंप एलओसी से 13 किलोमीटर दूर है। यहां लश्कर के फिदायीन ट्रेनिंग लेते थे। इसकी क्षमता 15 आतंकियों की थी।

पाकिस्तान के अंदर भी टारगेट

पीओके के अतिरिक्त पाकिस्तान के भीतर भी 4 कैंपों को निशाना बनाया गया। इसमें बहावलपुर, मुरिदके, सरजल और मेहमूना जोया शामिल थे। सरजल कैंप सियालकोट अंतरराष्ट्रीय सीमा से 6 किलोमीटर की दूरी पर हैं। मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों की हत्या करने वालों आतंकियों की ट्रेनिंग दी गई थी। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा ने 18 किलोमीटर दूर था।

मेहमूना जोया में हिजबुल का कैंप था। पठानकोट एयरबोर्स में हमला यहीं से प्लान किया गया था। मुरिदके अंतराष्ट्रीय सीमा से 25 किलोमीटर दूर है। 2008 मुंबई आतंकी हमले के आतंकियों ने यहीं से ट्रेनिंग ली थी। डेविड हेडली की भी ट्रेनिंग यहीं से हुई थी। बहावलपुर में जैश का हेडक्वार्टर भी हमले में तबाह कर दिया गया।

Source: Media Reports