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भारत डेनमार्क जल प्रबंधन कार्यशाला में उदयपुर के जल स्थायित्व कार्यो की प्रस्तुति 

उदयपुर बनेगा पूरे देश के लिए अनुकरणीय उदाहरण

 

उदयपुर का नगरीय क्षेत्र व इससे जुड़ा ग्रामीण इलाका भूजल की दृष्टि से अतिदोहित श्रेणी मे आ चुका है। वंही झीलों तालाबों पर निरंतर दबाव बढ़ रहा है। ऐसे मे भारत व डेनमार्क संयुक्त शोध व अध्ययन योजना मे तैयार मॉडल पूरे आयड बेसिन के टिकाऊ व सतत जल प्रबंधन मे उपयोगी साबित होगा। यह विश्वास विद्या भवन पोलिटेक्निक सभागार मे आयोजित दो दिवसीय "आयड नदी बेसिन समग्र जल संसाधन प्रबंधन कार्यशाला के पहले दिन व्यक्त हुआ।

भारत व डेनमार्क सरकारों के ग्रीन स्ट्रेटेजिक सहयोग तथा उदयपुर व डेनमार्क के आरहुस् नगर निगमों के मध्य परस्पर साझेदारी कार्यक्रमों के तहत आयोजित इस कार्यशाला मे नगर निगम, प्रन्यास, भूजल विभाग, जल ग्रहण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, जलदाय विभाग, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, उदयपुर चैंबर ऑफ कोमर्स एंड इंडस्ट्री के अधिकारियों सहित सुखाड़िया विश्वविद्यालय, महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय, सिंघानिया विश्वविद्यालय, गीतांजली टेक्निकल इंस्टिट्यूट, अरावली टेक्निकल इंस्टिट्यूट,  विद्या भवन, डी ए दिल्ली के विषय विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।

कार्यशाला का आयोजन डेनमार्क दूतावास, कोपेनहेगन  विश्वविद्यालय, डेनिश हाइड्रोलॉजिकल इंस्टिट्यूट, डवलपमेंट अल्टरनेटिव तथा विद्या भवन के साझे मे हो रहा है।

कोपेनहेगन विश्वविद्यालय व डानीडा शोध कार्यक्रम प्रमुख डॉ  कार्सटन होग जेनसन की अध्यक्षता मे आयोजित कार्यशाला मे आयड नदी बेसिन के माइक शी कम्प्यूटर मॉडल, जल गुणवत्ता की स्थिति तथा उदयपुर जल प्रबंधन वेबसाइट को प्रस्तुत किया गया। संयोजन डॉ अनिल मेहता ने किया।

कार्यशाला मे के विजय लक्ष्मी, कोमल कोठारी, सतीश श्रीमाली, विपिन जैन, अशोक कुमार बडाला, सुनील लड्ढा, प्रो पी के सिंह, प्रो सीमा जालान, गोपाल बम्ब, सुरेश परमार, अखिलेश जोशी, आर पी शर्मा, नवीन व्यास, ललित नागौरी, हरीश माथुर, सुधीर तिवारी, पायल पंचोली, के प्रभु, निर्मल सुथार, नवीन व्यास, हेमंत धाबाई, रितेश तिरोले, प्रो अरुण चतुर्वेदी, रेवती रमन श्रीमाली ने महत्वपूर्ण सुझाव रखे।

कार्यशाला के दूसरे दिन गुरुवार को प्रात: 10 बजे से 1 बजे तक जल प्रबंधन के उदयपुर जन वैज्ञानिक मॉडल पर विशेष सत्र होगा। आरहुस नगर निगम व डेनमार्क एम्बेसी के अधिकारी उपस्थित रहेंगे । गुमानिया नाला के ईकोलॉजिकल सुधार पर भी चर्चा होगी।