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खबर का असर - देवस्थान के अधिकारीयों ने जगदीश मंदिर कि देख रेख का दिया आश्वासन

"काफी समय से देवस्थान की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस काम को बखूबी अंजाम देने के लिए टेक्निकल (एकस्पर्ट) विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं" - डॉ प्रियंका भट्टसहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, उदयपुर
 
"नए साल पर देवस्थान की ओर से जल्द से जल्द काम शुरु करवा दिया जाएगा"डॉ प्रियंका भट्ट

उदयपुर के घंटाघर से सिटी पैलेस रोड के बीच स्थित महत्वपूर्ण द्वारकाधीश मंदिर जिन्हें जगदीश मंदिर के नाम से जाना जाता है, वर्षों से अप्राप्य है और इन्हें रखरखाव और नवीनीकरण की आवश्यकता है। कुछ समय से इस मंदिर में रखरखाव के आभाव् से यहां के पुजारी और भक्तों कि ओर से काफी शिकायत आ रही थी। इसको लेकर उदयपुर टाइम्स की टीम ने जगदीश मंदिर जा कर जायज़ा लिया, मुख्य पुजारी हुक्म राज जी से बात चीत कि और इस पर खबर कर के देवस्थान विभाग तक बात पहुंचाई।

उदयपुर टाइम्स की टीम से बात करते हुए पुजारी हुकुम राज ने बताया था कि मंदिर के बुर्ज-गुम्बद में जगह-जगह पीपली के खूंटे उग आए हैं। मंदिर में कई हिस्सों में पानी का रिसाव भी हो रहा है और पत्थर भी गिर रहे है। पुजारी जी ने बताया कि देवस्थान विभाग को जगदीश मंदिर की ज़िम्मेदारी दी गई है लेकिन वो इस ज़िम्मेदारी को अनसुना कर रहे हैं। पुजारी की शिकायत को लेकर उदयपुर टाइम्स की टीम देवस्थान विभाग पहुंची। जहां सहायक आयुक्त डॉ प्रियंका भट्ट को मंदिर की हालत के बारे में जानकारी दी।

उदयपुर टाइम्स की टीम से बात करते हुए सहायक आयुक्त प्रियंका भट् ने बताया इस सबंध में पुजारी और भक्तों की ओर से देवस्थान विभाग को कई ज्ञापन मिले है। वहीं जगदीश मंदिर के गुम्बद पर पीपली उगने और पानी के रिसाव से होती परेशानी से देवस्थान विभाग अच्छी तरह वाक़िफ है। प्रियंका ने बताया कि काफी समय से देवस्थान की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस काम को बखूबी अंजाम देने के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं।

उन्होंने बताया कि इस काम को सही तरह से अंजाम देने बाबत किसी ऐसे विशेषज्ञ कि आवश्यकता है जिसे पुरातात्विक भवनों (archaeological structures) कि जानकारी हो और इनके जीर्णोद्धार (renovation) का अनुभव हो। वर्तमान में विभाग के पास अभी ऐसा टेक्निकल एकस्पर्ट नहीं है जो जानकारी रखता हो। प्रियंका ने यह भी बताया कि देवस्थान विभाग ने इस समस्या के समाधान के लिए पुरातत्व विभाग से गठजोड़ किया है और इंटेक (INTACH) के प्रतिनिधि को इस बात की जानकारी दी है। इस काम को लेकर इंटेक को समय भी दिया गया है। नए साल पर देवस्थान की ओर से जल्द से जल्द काम शुरु करवा दिया जाएगा। यदि इंटेक की ओर से काम नहीं शुरु किया गया तो देवस्थान पुरातत्व विभाग की मदद लेंगे और काम को जल्द से जल्द शुरु करवागा।