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पढ़े लिखे लोगों का शहर- झीलों मे कचरे का कहर

जागरूक नागरिक शक्ति से ही बचेगी झीलें

 

उदयपुर 7 मई 2023 । रविवार झील श्रमदान को पंहुचे झील प्रेमियों को पानी सतह पर भारी मात्रा मे घरेलू कचरा मिला। इस कचरे मे मुख्यतया शेम्पू, सर्फ, तंबाकू, नमकीन, वेफर्स के प्लास्टिक पाउच, बीयर केन, शराब  की बोतलें, डिस्पोजेबल ग्लास, मिनरल वाटर बोतलें, बची हुई दवाइयाँ, पूजा सामग्री, पुराने कपड़े इत्यादि थे। 

डॉ अनिल मेहता ने लगभग सौ प्रतिशत साक्षरता वाले शहर मे झीलों के साथ हो रहे ऐसे व्यहवार पर क्षोभ व्यक्त किया। मेहता ने कहा कि पढ़े लिखे लोगों के   शहर मे झीलों पर हो रहा यह कहर दुःखदायी है। 

तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि कोई भी समझदार व्यक्ति अपने पीने के पानी के पात्र मे गंदगी नही डालता है लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि पेयजल की झीलों मे इतना कचरा विसर्जित हो रहा है।

नंद किशोर शर्मा ने कहा कि झीलों मे कपड़े धोने वाले डिटरजेंट का प्रयोग कर रहे हैं। इससे खरपतवार बढ़ रही है व झील दूषित हो रही है। जागरूक नागरिक शक्ति ही झीलों को बचा सकती है।

कुशल रावल ने कहा कि उदयपुर को यह समझना होगा कि झीलें डस्टबिन नही है। जीवनदायी जलस्रोत मे कचरा डाल हम बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं।द्रुपदसिंह ने कहा कि झीलों मे कचरा डालना कानूनी व नैतिक रूप से मानवता के साथ अपराध है। कचरा विसर्जनकर्ताओं को रोकना चाहिए।