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एकलिंग जी मंदिर के बाहर लम्पी से तड़प रही गाय को क्षेत्रवासियों ने सड़क किनारे छोड़ा

गाय को सड़क किनारे तड़पता देख कुछ जागरूक लोगों ने इसकी सुचना एनिमल एड संस्था और नगर निगम को दी

 

उदयपुर के सुखेर थाना इलाके के एक गाँव में व्यापारियों की संवेदनहीनता का एक बड़ा मामला सामने आया है, व्यापारियों ने सरपंच के साथ मिलकर एक मंदिर के बाहर तड़प रही गाय को जंगलों में मरने के लिए छोड़ दिया। 

जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर एकलिंग जी मंदिर के बाहर लम्पी से ग्रसित एक गाय तड़प रही थी जिससे व्यापारियों को भी परेशानी आ रही थी, वहां के व्यापारियों ने इसकी सुचना सरपंच नारायण गमेती को दी कुछ ही देर में सरपंच मौके पर पहुंचे और जे.सी.बी की मदद से गाय को वहां से उठा लिया।  

इसके बाद एक गौवंश से व्यापारियों को हो रही परेशानी तो दूर हो गई लेकिन बाद में उस गाय का इलाज कराने की बजाय उसे मरने के लिए हाइवे पर सड़क किनारे फेंक दिया। गाय को सड़क किनारे तड़पता देख कुछ जागरूक लोगों ने इसकी सुचना एनिमल एड संस्था और नगर निगम को दी। उसके बाद चिरवा से डॉक्टर सुभाष ने गाय को इंजेक्शन भी लगाए लेकिन रविवार देर रात तक कोई भी गाय की पुख्ता जानकारी नहीं दे पाया।  

क्षेत्र के सरपंच नारायण गमेती ने बताया की रविवार को वो अपनी पत्नी को लेकर हॉस्पिटल गए हुए थे तभी उनके पास व्यापारियों का फोन आया था की एक गाय बीमार हो कर सड़क के बीच में पड़ी है। जिस पर उन्होंने जे.सी.बी वाले से बात करके उसे मौके पर भेज दिया था, जिसने उसे उठा कर सड़क किनारे रख दिया, लेकिन जब सोमवार सुबह वो वहां से गुजरे तो वहां पर गाये मौजूद नहीं थी जिस से ये प्रतीत होता है की शायद उसकी मौत हो गई। 

सरकार के अदेशो के अनुसार आइसोलेशन सेंटर बनाने की बात पूछी गई तो सरपंच बोले की पूर्व में लम्पी के इतने मामले उनके क्षेत्र में नहीं आये थे इसलिए नहीं बनवाया गया था लेकिन अभी एकलिंगजी मंदिर प्रबंधन से मंदिर की जमीन पर अस्थायी रूप से आइसोलेशन सेंटर बनाने देने का प्रस्ताव रखा है और जल्द ही उस पर काम शुरू करदिया जाएगा। 

उन्होंने ने ये भी कहा की कुछ दिन पूर्व चिरवा पीएचसी के डॉ.सुभाष को बुलाकर सभी गावों में ले जाकर लोगो की गायों को इंजेक्शन और अन्य दवाइयां दिल्वादी गई है और उन्हें गायों को घर से बाहर घूमने नहीं देने की हिदायत भी दी है। हालांकि सरपंच नारायण गमेती को भी नहीं पता था कि आखिर उस गाय का हुआ क्या है? और इस वक़्त वो गाय कहां है ? कैलाशपूरी मंदिर के बाहर तड़प रही गाय को सड़क किनारे फेंकने में शामिल तमाम लोगों की सूचना एनिमल एड संस्था के पशु निवारण अधिकारी दिन दयाल ने सम्बंधित थाने में दी है।