उदयपुर में लेपर्ड के हमलों से सनसनी, सर्च ऑपरेशन जारी
हाल के दिनों में उदयपुर जिले के गोगुंदा और झाड़ोल में लेपर्ड के हमलों ने क्षेत्र में आतंक फैला दिया है। पिछले 18 दिनों में लेपर्ड ने 10 लोगों पर हमला किया, जबकि चार लेपर्ड की मौत हो गई है। वन विभाग ने इन घटनाओं के बाद सुरक्षा के लिए बाहर से विशेषज्ञ टीमों को बुलाया है और लेपर्ड को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चला रहा है।
स्थानीय वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 11 अक्टूबर को गोगुंदा के कमोल गांव में एक लेपर्ड ने 55 वर्षीय देवाराम पर हमला कर दिया। बाद में वह लेपर्ड मृत पाया गया, जिसके चेहरे पर गंभीर घाव थे, जो किसी धारदार हथियार से हमले के संकेत दे रहे थे। अनुमान लगाया गया है कि स्थानीय लोगों ने भय के कारण लेपर्ड को मार दिया।
19 अक्टूबर को, मदार बड़ा तालाब के पास वन विभाग और पुलिस ने एक लेपर्ड को गोली मार दी, जिससे क्षेत्र में लोगों में व्याप्त डर का संकेत मिलता है। इस क्षेत्र में लेपर्ड के हमले के बाद से सुरक्षा उपायों को बढ़ा दिया गया है।
सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन विभाग का रेस्क्यू सेंटर है, जहां घायल और बीमार लेपर्ड का इलाज किया जाता है। हाल ही में, एक बीमार मादा लेपर्ड को रेस्क्यू कर लाया गया, लेकिन वह इलाज के दौरान मृत हो गई।
इस बीच, 26 अक्टूबर को गोगुंदा के जंगलों में लेपर्ड को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए हैं। वन विभाग को आशंका है कि एक लेपर्ड बायोलॉजिकल पार्क से भागकर सज्जनगढ़ अभयारण्य की ओर चला गया है।
वन विभाग ने सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू करने के साथ-साथ क्षेत्र के लोगों को भी जागरूक करने का काम किया है। स्थानीय निवासी इस स्थिति से चिंतित हैं और सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
उदयपुर में लेपर्ड के हमलों की बढ़ती संख्या ने सभी को सतर्क कर दिया है, और क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग की सक्रियता और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।