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नदी पेटे में आने वाली होटल ताज के निर्माण को मावली विधायक जोशी ने बताया अवैध

विधानसभा में उठाये प्रश्न 

 

उदयपुर। ज़िले के मावली विधानसभा के विधायक धर्मनारायण जोशी ने विधानसभा में गुरुवार को नदी पेटे में ताज होटल का अवैध निर्माण, फूलों की घाटी और पुरोहितों के तालाब के प्रबंधन में खामी का मुद्दा उठाया। 

उन्होंने आरोप लगाए कि कोडियात वन चौकी के पास से अमर जोक नदी बहती है, जो पीछोला झील को भरने का मुख्य स्रोत है। इसके पेटे में ही ताज अरावली होटल बना दी गई। ये वही होटल है, जिसमें पिछले साल कांग्रेस का चिंतन शिविर हुआ था। 

उन्होंने बताया कि होटल की भूमि नदी के दूसरी तरफ है और वहां आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है। इसलिए नदी को पाटकर नदी के खसरा 106, 198 व 199 में रास्ता बनाया गया। मावली विधायक जोशी ने कहा की यह रास्ता जन उपयोगी है और कई गांवों को जोड़ता है, जबकि यह होटल ताज अरावली पर खत्म हो जाता है। इस रास्ते के सौंदर्यीकरण के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए भी खर्च किए थे। जबकि यह राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ है। 

मावली विधायक जोशी ने पुरोहितों का तालाब व फूलों की घाटी (चीरवा घाटा) का वन सुरक्षा समिति के प्रबंधन का तीन साल का आय-व्यय का ब्योरा मांगा। तो सरकार ने जवाब दिया कि पुरोहितों के तालाब पर टिकट से साल 2019-20 से अब तक 58.99 लाख रुपए की आय हुई और 21.73 लाख रुपए खर्च हुए। 

फूलों की घाटी में साल 2019-20 से अब तक टिकटों से 1.03 करोड़ की आय हुई और 90.64 लाख रुपए खर्च हुए। सबसे पहले यूआईटी ने वन भूमि और चारागाह भूमि को अवैध तरीके से होटल व्यवसायी को आवंटित की। बाद में साल 2020 में होटल से लगी वन विभाग की भूमि व गांव की चारागाह भूमि खसरा नं. 162, 151 व 158 पर प्रबंधन ने कब्जा कर व्यावसायिक उपयोग शुरू कर दिया। 

ग्रामवासियों ने कई बार जिला प्रशासन और राज्य सरकार को शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। साल 2006 में सिंचाई विभाग ने खसरा 151, 158 व अन्य खसरे की भूमि को देवास टनल के लिए अवाप्त किया था, तब से यह भूमि सिंचाई विभाग की है।