मनरेगा श्रमिकों का करीब 4 माह से पारिश्रमिक बकाया
उदयपुर जिले में 52 करोड़ से अधिक बकाया
उदयपुर, 15 फरवरी 2024। मजदूरों का होली पर्व निकट आने के साथ ही शादी ब्याह सहित अन्य कार्य के लिए रुपयों की जरूरत होने लगी है। मजदूर आए दिन ई-मित्र या बीसी के यहां अपने बैंक खाते चेक कराते हैं, लेकिन भुगतान जमा नहीं होने पर बैरंग लौट रहे हैं।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों का भुगतान पिछले करीब चार माह से बकाया है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। उदयपुर जिले में करीब 52 करोड़, जबकि कुराबड़ पंचायत समिति में 3 करोड़ रुपए मजदूरों के बाकी है। अक्टूबर द्वितीय तथा नवम्बर प्रथम पखवाड़े से काम करने वाले मजदूरों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ, जबकि प्रति 15 दिन में भुगतान का प्रावधान है। मनरेगा के तहत सामग्री मद का भुगतान भी लंबे समय से नहीं होने से ग्राम पंचायतों व ठेकेदारों को काम करने में समस्या आ रही है।
एनएमएमएस प्रणाली से हाजिरी में समस्या
ग्राम पंचायतों के मेट व सरपंच, सचिव ने बताया कि नरेगा में पारदर्शिता के लिए एनएमएमएस प्रणाली से मोबाइल के जरिए हाजिरी भरी जा रही है। इसके तहत एक फरवरी से ऑन द स्पॉट जीपीआरएस लोकेशन यानि लेटीटयूड और लोगीटयूड पर ही हाजिरी भरने के अपडेट वर्जन के चलते एप सही नहीं चलने से मेट व मजदूर परेशान हैं। हाजिरी नहीं भर पाने और अपलोड नहीं होने से मजदूरी नहीं मिलने का डर सता रहा है। कार्य शुरू करने वक्त जहां से जीओ टैग की वहीं से प्रतिदिन हाजिरी भरने का ऑनलाइन सिस्टम है, जो प्रॉपर नहीं चल पाया। आगामी दिनों में प्रत्येक मजदूर की फेस आईडी से हाजिरी होगी, जो आधार से मिलान होने पर ही अंकित हो सकेगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, उदयपुर, कीर्ति राठौड़, ने कहा की सभी को भुगतान समय पर किया जा रहा है। यदि कहीं नहीं हो रहा है तो मामले को दिखवाती हूं।