MPUAT - परीक्षा टालने की ज़िद पर हुआ था विवाद
छात्रों और कुलपति के विवाद का वीडियो हुआ था वायरल
उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर से सम्बद्ध प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय (सी.टी.ए.ई.) उदयपुर में 6 विद्यार्थियों के कोरोना पॉज़िटिव आने के बाद गुरुवार को हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट CTAE बिल्डिंग के बाहर जमा हो गए और स्क्रनिंग की मांग के साथ निर्धारित परीक्षा को टालने की मांग करने लगे। लेकिन कुलपति और प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच इस बात को लेकर विवाद हो गया। छात्रों और कुलपति ने एक दूसरे पर बदतमीज़ी का आरोप लगाया।
कुलपति नरेंद्र सिंह राठौड़ की सोशल मिडिया पर विडियो वायरल हो रही है जिसमें वो स्टूडेंट को धमकाते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों को रेस्टीकेट करने की बात कह रहे है। हालाँकि अभी तक किसी छात्र को रेस्टीकेट नहीं किया गया है।
दरअसल कल दिनांक 13 मार्च, 2022 को दोपहर 1.30 बजे, लगभग 25-30 विद्यार्थी इस महाविद्यालय के छात्र हर्ष सोनी और आयुषराज सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय प्रशासनिक कार्यालय पर उपस्थित हुए और कुलपति से मिलने का समय मांगा।
कुलपति के निजी सचिव ने उन्हें अवगत करवाया कि कोराना-ओमीक्रोन के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव हेतु कुलपति के निर्देशानुसार केवल दो विद्यार्थी मिल सकते हैं। फिर भी उन्होंने काफी संख्या में जबरदस्ती अंदर आने का प्रयास किया, जिसे सुरक्षा प्रहरियों ने रोका और कोविड गाइडलाइन की पालना करने हेतु कहा, परंतु वे नहीं माने इसलिए निजी सचिव द्वारा पुलिस चौकी को सूचित किया गया जहॉं से 4-5 पुलिस कर्मी और अधिकारी आ गए और छात्रों को समझाया कि वे कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए 2 छात्र कुलपति महोदय से मिलकर अपनी समस्या रख सकते हैं।
पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में उक्त वर्णित दोनों छात्रों ने कुलपति से उनके महाविद्यालय में संचालित होने वाली द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष के आगामी सेमेस्टर परीक्षाओं को निरस्त करने हेतु आग्रह किया, जिस पर कुलपति द्वारा यह बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त गाइडलाईन के अनुसार कक्षाएं चल रही है और परीक्षा निरस्त अथवा स्थगित करने का हमारे पास कोई आदेश नहीं आया है, इसलिए परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी। फिर भी यदि आप चाहते हैं तो आपके आग्रह पर हम राज्य सरकार को एक पत्र प्रेषित कर देंगे।
इसी बीच विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलसचिव श्रीमती मंजुबाला जैन, सी.टी.ए.ई. के अधिष्ठाता डॉ. पी. के. सिंह, महाविद्यालय के चीफ वार्डन एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को कुलपति कार्यालय में बुलाकर विद्यार्थियों के साथ समझाइश वार्ता की गई। फिर भी छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे और बार-बार परीक्षाएं निरस्त करने का दबाव बनाने लगे।
कुलपति ने उन्हें बताया कि महाविद्यालय में लगभग 1800 विद्यार्थी है, जिनमें से 6 विद्यार्थियों को कोविड की पॉजिटिव रिपोर्ट मिली है, इसलिए उन्हें सांइटिस्ट हॉस्टल में आइसालेशन में रखा गया है तथा उनके दैनिक जीवन की समस्त सुविधाएं, भोजन-पानी एवं दवाईयॉं उपलब्ध करवा दी गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमारे विश्वविद्यालय की डिस्पेंसरी तथा छात्रावास में विद्यार्थियों की निशुल्क आर.टी.पी.सी.आर. जॉंच करवाई जा रही है। जहॉं लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अपील करने के बाद भी विद्यार्थी जॉंच नहीं करवा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि हमारा विश्वविद्यालय एक प्रोफेशनल डिग्री प्रदान करने वाला विश्वविद्यालय है इसलिए विद्यार्थियों को अनुशासित रखते हुए समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार निर्धारित समय पर परीक्षा करवाने हेतु तत्पर है ताकि समय पर हमारे विद्यार्थी अपनी डिग्री प्राप्त कर उनके माता-पिताओं की आकांक्षाओं के अनुरूप रोजगार प्राप्त कर सकें अथवा आगामी अध्ययन हेतु प्रस्थान कर सकें।
कुलपति ने बताया कि सी.टी.ए.ई. के करीब 180 विद्यार्थियों (कम्पयूटर साईस में 90 प्रतिशत) का रोजगार हेतु विभिन्न संस्थाओं में चयन हो चुका है जिनको समय पर डिग्री पूर्ण करनी है अन्यथा इन योग्य छात्रों का प्लेसमेंट नहीं हो पाएगा जो कि इनके भविष्य के साथ अन्याय सिद्ध होगा। विगत वर्ष ऐसे ही मर्यादित आचरण के कारण हमारा विश्वविद्यालय समय पर छात्रों की परीक्षाए सम्पन्न करवा कर उन्हें निर्धारित समय पर डिग्री प्रदान करने में सफल रहा था। पूर्व वर्ष में भी कुलपति के दिशा-निर्देशों से कोविड कारणों से प्रभावित छात्रों की विशेष परीक्षाऐं आयोजित की गई थी। इस बार भी उन्होंने कोविड-संक्रमित विद्यार्थियों की बाद में विशेष परीक्षाएँ आयोजित करने के दिशा निर्देश दे रखें हैं जो उनके मानवीय पक्ष के प्रति संवेदना का स्पष्ट प्रमाण है।
इतना समझाने के बावजूद भी ये छात्र परीक्षाएं निरस्त करने पर अड़े रहे इसलिए पुलिस अधिकारियों ने उक्त दोनों छात्रों को कुलपति महोदय के कक्ष से बाहर निकाला परंतु वे बाहर पोर्च के पास रोड़ पर अपने साथियों के साथ जाकर बैठ गए।
तत्पश्चात् लगभग 2.15 बजे कुलपति दोपहर भोजन हेतु अपने निवास पर जाने के लिए बाहर आए तो देखा कि लगभग 50-60 विद्यार्थी कोविड की गाइडलाईन का पालन किये बिना पास-पास बैठे थे, इसलिए उन्होंने उन्हें टोका कि वे राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाईन का पालन करें, इस पर कुछ विद्यार्थियों ने कुलपति को प्रत्युत्तर देते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जिस पर कुलपति ने एक छात्र के पिताजी से फोन पर वार्ता की तो उन्होंने भी कुलपति से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि जब राज्य सरकार द्वारा परीक्षा पर रोक नहीं है तो परीक्षा होनी चाहिए।
इसी बीच 8-10 विद्यार्थियों ने चीफ वार्डन डॉ. विक्रमादित्य दवे से बहस-बाजी की और कुलपति से बात करते हुए एक छात्र ने अपशब्दों का प्रयोग किया इसलिए माननीय कुलपति ने भी एक संरक्षक के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कड़े शब्दों में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि किसी भी स्थिति में अनुशासनहीनता बर्दास्त नहीं की जायेगी, जिसको विद्यार्थियों द्वारा वीडियो बनाकर सोशल मीडीया पर दुष्प्रचारित किया गया जो कि अशोभनीय व्यवहार है।
सी.टी.ए.ई. के अधिष्ठाता डॉ. पी. के सिंह ने बताया कि जिन छात्रावासों एवं एक विभाग में कोविड संक्रमित पाए गए हैं उन्हें सेनेटाइज्ड कर 72 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है और संबंधित व्यक्तियों को आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय की परीक्षाएं नियमित रूप से करवाना प्रशासन की जिम्मेदारी है तथा वर्तमान सेमेस्टर में पहले से ही एक माह विलंब हो गया है। जिन विद्यार्थियों का प्लेसमेंट हो गया है तथा वर्तमान में प्लेसमेंट की प्रक्रिया चल रही है इसे देखते हुए विद्यार्थियों को समय पर डिग्री पूर्ण करना आवश्यक है।
डॉ. पी. के सिंह ने बताया कि कुछ लोग कुलपति के कुशल एवं गतिशील नेतृत्व में विश्वविद्यालय की उच्च रैंकिंग एवं विभिन्न क्षेत्रों में हो रही प्रगति के पथ पर अवरोध पैदा करना चाह रहे हैं और हमारे योग्य विद्यार्थियों को भ्रमित कर विश्वविद्यालय का माहौल खराब कर रहे हैं।