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MPUAT-फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड 2023 नंदिता गुप्ता का स्वागत

चुनौतियों से मुकाबले में छिपा है सफलता का मूलमंत्र: नंदिता

 
कौशल विकास कार्यक्रम के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय ने मंजूर किए रूपये 50 लाख

उदयपुर। फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड 2023 सुश्री नंदिता गुप्ता ने युवाओं को आह्वान किया कि जीवन के किसी भी लक्ष्य के मार्ग में चुनौतियां पग-पग पर खड़ी मिलेंगी लेकिन हमें घबराना नहीं चाहिए। चाहे हम उसमें असफल ही क्यों न हो, बल्कि सच तो यह है कि असफलताओं से ही सीखने का अवसर मिलता है और एक दिन हम लक्ष्य को पाने में कामयाब हो ही जाते है।

’खूबसूरती का ताज’ पहने नंदिता बुधवार को यहां डेयरी एवं खाद्य महाविद्यालय सभागार में 5 दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थी। भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित 5 उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के लिए 50 लाख रूपये की स्वीकृति दी है। 

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के अधीन डेयरी एवं खाद्य महाविद्यालय, उदयपुर प्रदेश भर में 5 कार्यक्रम ’सीताफल उत्पादन एवं प्रसंस्करण’ विषय पर बुधवार को आरम्भ हुआ। कार्यक्रम में संभाग भर से चुनिंदा 30 प्रतिभागी भाग ले रहे है।

खचाखच भरे सभागार में प्रतिभागियों के अलावा डेयरी विज्ञान में अध्यनरत छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों व प्रशिक्षणों का हुजूम उमड़ पड़ा। मिस इंडिया नंदिता ने युवाओं से कहा कि वे जिस किसी क्षेत्र में जाएं इस बात का जरूर ध्यान रखें की समाज के पिछड़े वर्ग को उसका लाभ जरूर मिले।

नंदिता का कहना था कि हमारा मन-मस्तिष्क खूबसूरत होगा तो हर काम खुबसूरती से होता चला जायेगा। युवा पीढ़ीयां सबसे पहले खुद पर भरोसा करना होगा और उसी बल पर जिस क्षेत्र में जाएंगे, सफलता अवस्य मिलेगी। खुद को फिट रखने के लिए मेडिटेशन, नृत्य, अध्ययन आदि पर भी जोर दिया।

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डाॅ. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल स्तंभ है। पिछड़े व गरीब क्षेत्र के 90 प्रतिशत लोगों को रोजगार मुहैया कराने वाली इन इकाइयों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है। देश की जीडीपी इनका 6.1 प्रतिशत योगदान है तो सेवा क्षेत्र में 24.2 फीसदी उत्पादन में 45 प्रतिशत वहीं निर्यात में 40 प्रतिशत योगदान है। 

उन्होनें कहा कि जनजाति बहुल उदयपुर संभाग में सीताफल बहुतायत में होता है। महाराणा प्रताप के योद्धा इसी जनजाति क्षेत्र के थे और जंगली फल यानी सीताफल का उपयोग करते आये है। उन्होनें बताया सीताफल का गूदा आईसक्रीम व अन्य व्यंजन बनाने के काम आता है। कृषि वैज्ञानिक सीताफल के गूदे को लम्बे समय तक संरक्षित रखने संबन्धी शोध में जूटे है।

डाॅ. कर्नाटक ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि मिस इंडिया सुश्री नंदिनी गुप्ता ने महाविद्यालय के प्रयोगशाला प्रशिक्षण के बारे में गहन जानकारी ली और अपने स्तम्भ स्ड्यिूल में से समय निकालकर युवाओं का हौसला बढ़ाया।

डाॅ. कर्नाटक ने कहा कि सीताफल की भांति ही रिन्यूअल एनर्जी, क्लीन मिल्क प्राॅडक्ट, बकनी दूध उत्पाद, मेंगों फ्रूट व इससे जुड़े खाद्य पदार्थों पर आगामी कार्यक्रम केन्द्रीत होगें। उन्होनें मिस फेमिना इंडिया सुश्री नंदिता गुप्ता को भारत के युवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाला बताया व कहा कि उनके इस कार्यक्रम में आने मात्र से युवा वर्ग में जोश भरेगा और वे कुछ नया कर पाने का दृढ़ संकल्पित होगें।

महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. लोकेश गुप्ता ने बातया कि वर्तमान में महाविद्यालय में चार प्रशिक्षण इकाईयां कार्यरत है और विद्यार्थियों के साथ उद्यमियों को इन चारों इकाईयों में नियमित प्रयोगात्मक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। महाविद्यालय द्वारा कई बार कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किये गये जिसमें राज्य के ही नहीं बल्कि देश के उद्यमियों ने पूरी रूचि एवं उत्साह के साथ भाग लेकर अपना तकनीकी कौशल वर्धन किया है। 

महाविद्यालय द्वारा टमाटर केचप प्लांट में उद्यमियों को अपनी प्रतिभा और कौशल निखारने का अवसर प्रदान किया जाता रहा है। साथ ही आवंला प्रसंस्करण इकाई में आवंला के विभिन्न उत्पाद जैसे च्यवनप्राश, आवंला कैंडी, आवंला जूस इत्यादि स्वास्थ्य अनुकूल परिस्थितियों में बनाये जाते हैं। इसी तरह महाविद्यालय की दुग्ध प्रसंस्करण इकाई में दुग्ध के विभिन्न मूल्य संवर्धित उत्पाद जैसे लस्सी, श्रीखण्ड, पनीर इत्यादि बनाये जाते है। इस इकाई में भी कई उद्यमियों को विशिष्ट प्रशिक्षण महाविद्यालय द्वारा प्रदान किया गया है। 

महाविद्यालय द्वारा प्रशिक्षित उद्यमियों ने उद्योग जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। कौशल विकास कार्यक्रम की समन्वयक डाॅ. निकिता वधावन ने बताया कि इसी वर्ष फसलों में महाविद्यालय ने भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रायोजित सात दिवसीय उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किये।