उदयपुर पहुँचने पर नरेंद्र मीणा ने दी प्रतिक्रया, नहीं लड़ेंगे चुनाव
बोले सीएम् साहब के सामने रखी कार्यकर्ताओं के मन की बात
उदयपुर। रविवार को सलूम्बर विधान सभा के लिए भाजपा द्वारा टिकट मिलने की उम्मीद लगाकर बैठे उम्मीदवार जिन्होंने पूर्व विधायक स्वर्गीय अमृतलाल मीणा की पत्नी को पार्टी द्वारा टिकिट दिए जाने के पर किये गए विरोध के बाद चर्चा में आए नरेंद्र मीणा ने एक दिन पूर्व जयपुर में मुख्यमंत्री से मुलाकत करके उदयपुर में पार्टी कार्यालय पर उनके समर्थको से मिले साथ ही उदयपुर आने के बाद पार्टी के सीनियर नेताओं से भी मुलाक़ात की।
इस अवसर मीणा ने कहा की मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने उनसे मुलाकत की, कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझा। मीणा ने कहा की मुख्यमंत्री से मुलाक़ात के दौरान उनकी सभी वरिष्ठ नेताओं से इस बात पर चर्चा हुई की जिस तरह से इस क्षेत्र में कुछ राष्ट्र विरोधी ताकते सक्रीय है और अगर इस समय पार्टी दो फाड़ में बात जाएगी तो ये ताकतें विजय हो जाएंगी, मजबूत हो जाएंगी।
उन्होंने कहा की वो संगठन के सिपाही है, संगठन के सयंसेवक है, हमेशा उन्होंने मातृभूमि को प्रथम माना है। कार्यकर्ताओं की मन की बात उन तक पहुँचाना था, सफलता पूर्वक पहुँचाया, उचित समय पर कार्यकर्ताओं का सम्मान पार्टी ध्यान में रखेगी, पूर्व में भी ये घोषणा की थी की सभी वरिठ पार्टी नेताओं से मौजूदगी ने निर्णेय लिया जाएगा और और उसे उचित समय पर सार्वजानिक भी किया जाएगा और उसी के चलते मंगलवार को पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी, विधायक, जिलाध्यक्ष और सभी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच में ये निर्णेय लिया गया की आज से सभी को पार्टी के हित में काम करना है साथ ही जिस प्रत्याशी को टिकट दिया गया है उसे भी सपोर्ट करना है।
गौरतलब है की सलूंबर विधानसभा उप चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा नेता नरेन्द्र मीणा रविवार को एक सभा में पहुंचते ही फूट-फूटकर रोने लगे थे । कार्यकर्ता और समर्थकों ने उन्हें गले लगाते हुए संभालने का प्रयास किया लेकिन वे रोते रहे।
इसके बाद सभा में संबोधित करते हुए नरेन्द्र मीणा ने दिवंगत भाजपा विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी शांता देवी मीणा को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर कहा कि भाजपा पार्टी का ही कोई सदस्य या कार्यकर्ता आता तो अच्छा रहता लेकिन, आप क्यों एक ही घर में इसे समेट रहे हो। नरेन्द्र मीणा ने कहा कि अब समाज के चुनिंदा व्यक्तियों से राय लेकर जो निर्णय किया जाएगा। उसे आलाकमान को भेजेंगे।