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नीमच माता मंदिर पर बनेगा रोपवे

शहरवासियों और यहाँ आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को इसकी सौगात मिलने वाली है

 

उदयपुर 13 नवंबर 2022 । अब झीलों की नगरी उदयपुर में होंगे दो रोपवे, दोनों ही रोपवे शहर की दो प्रसिद्ध झीलों के किनारे पर होंगे, पहला रोप जहाँ उदयपुर की विश्व प्रसिद्ध पिछोला झील पर मौजूद है तो वहीँ दूसरा जल्द ही शहर की धडकन मानी जाने वाली फतह सागर झील के नजदीक होगा। 

पर्यटन को बढावा देने की नियत से युआईटी द्वारा शहर में बनाए जा रहे दूसरे रोपवे का काम अब आखरी चरण में है और जल्द ही शहरवासियों और यहाँ आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को इसकी सौगात मिलने वाली है।  

शहर के नीमच माता इलाके में बनने वाली 400 मीटर ऊँची उदयपुर के इस दुसरे रोपवे की शुरुवात 2016 में हुई थी। यूआईटी द्वारा टेंडर प्रक्रिया की गई थी, जिसके दौरान कोलकाता की दामोदर रोपवे इन्फ्रा लिमिटेड को ये टेंडर मिला। टेंडर के तहत एक कंस्ट्रक्शन एग्रीमेंट साइन किया गया जिसमे टेंडर मिलने वाली कंपनी को 25 सालों के लिए 90 लाख रूपए प्रति वर्ष की लीज पर दिया गया है।  इसके लिए 2 टर्मिनल बनाये जाएंगे एक अपर और लोवर इसके अतिरिक्त इसमें उपर से नीचे तक 4 टावर्स बनेगें। 

युआईटी के तकनिकी सहायक बी.एल कोठारी ने बताया की जहाँ इस रोप वे को बनाया जा रहा है उसमे से 4 हेक्टियर जमीन वन विभाग की जमीन है, जिसका डायवर्जन करवाया गया जो की विभाग के हेड ऑफिस द्वारा किया गया। इसके तहत 340 पेड़ भी लगाए गए। इसी के साथ 2021 में वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट से एनओसी भी ली गई, और इसके बाद पीडबल्युडी (PWD) से इसकी डिजाइनीग करवाई गई जिसे मेट जयपुर तकनीकी कॉलेज के चीफ इंजिनियर द्वारा वेरीफाई किया गया और इसकी हरी झंडी भी दे दी गई। साथ ही में 2020 में पर्यटन विभाग ने भी इसकी निर्माण की स्वीकृति दे दी.तो वहीँ राजस्थान स्टेट लेवल असेसमेंट अथॉरिटी द्वारा 2019 में एन्वायर्नमेंट क्ल्यरेंस भी ले लिया गया। 

कोठारी ने बता की इसके पश्चात् 2019 में पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी 2020 एस्टेब्लिश्मेंट कंसेंट दे दिया। कोठारी ने बताया की ज़िला कलेक्टर ही इसके लाइसेंस इश्यूइंग अथॉरिटी है जिनके द्वारा 2021 में लाइसेंस की जानकारी दो बड़े अख़बारों में प्रकाशित करवाई गई और उन पर आपत्तियां मांगी गई, इसके बाद अप्रैल 2022 में लाइसेंस इश्यु कर दिया गया। जिसके बाद अप्रैल 2022 में इस पर काम शुरू कर दिया गया।