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राजस्थान में भील प्रदेश को लेकर नया विवाद

BAP और BJP सांसद के बीच तीखी बयानबाजी

 

उदयपुर में भील प्रदेश की मांग को लेकर एक बार फिर विवाद छिड़ गया है। भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है, वहीं BJP सांसद मन्नालाल रावत ने मानगढ़ धाम पर 111 साल पहले हुए आंदोलन को लेकर आपत्ति जताई है। 

सांसद मन्नालाल रावत का कहना है कि 9वीं क्लास की सामाजिक विज्ञान की किताब में जो जानकारी दी गई है, वह तथ्यात्मक रूप से गलत है। उनका आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर इस विषय को भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया है। रावत ने कहा “मानगढ़ आंदोलन भील प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक बुराइयों के खिलाफ किया गया था।”

उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर इस मामले की जांच कराने की मांग की थी, जिसके बाद सीएम ऑफिस ने इस पर जांच के आदेश दिए हैं। रावत ने स्पष्ट किया कि 17 नवंबर 1913 को गोविंद गुरु की अगुवाई में हुए मानगढ़ आंदोलन का उद्देश्य भील समाज के उत्थान के लिए अलग राज्य बनाना नहीं था, जैसा कि किताब में कहा गया है।

भाजपा सांसद ने किताब में गोविंद गिरि के बारे में दी गई जानकारी को खारिज करते हुए कहा, “इसमें कहा गया है कि सामंती और औपनिवेशिक सत्ता के खिलाफ गोविंद गिरी ने भील राज्य की स्थापना की योजना बनाई थी, जबकि यह पूरी तरह गलत है।” उन्होंने गोविंद गिरी के एक प्रसिद्ध भजन का उल्लेख करते हुए बताया कि वे अंग्रेजों के खिलाफ थे और एकता के पक्षधर थे। सांसद ने विशेषज्ञों के शोध पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि इस विवादास्पद टिप्पणी को किताब से हटाया जाना चाहिए। 

इस विवाद ने फिर से राजस्थान में आदिवासी मुद्दों को तूल दे दिया है और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का एक नया दौर शुरू कर दिया है। अब देखना यह है कि इस मामले में सरकार और शैक्षणिक संस्थान क्या कदम उठाते हैं?