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चौंकाने वाला मामला, आचार संहिता के बीच नया स्टाफ लगाया

क्लिनिक खुला ही नहीं, ऐसे में इन्हें मादड़ी स्थित शहरी पीएचसी में लगाया गया

 

उदयपुर, 13 अक्टूबर । चिकित्सा विभाग में आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अर्बन प्रोग्राम मैनेजर वैभव सरोहा की ओर से गुरुवार को प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये जनता क्लिनिक के लिए स्वीकृत एक महिला डॉक्टर और दो नर्सिंग स्टाफ की ज्वॉइनिंग कराई गई। चूंकि, क्लिनिक खुला ही नहीं, ऐसे में इन्हें मादड़ी स्थित शहरी पीएचसी में लगाया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि जो जनता क्लिनिक अब तक खुला ही नहीं है, उसके नाम से आचार संहिता के बीच नया स्टाफ लगाया गया है। 

दूसरी ओर, एक जीएनएम को सुविवि परिसर में संचालित जनता क्लीनिंग में ज्वॉइनिंग के लिए भेजा गया। यहां हाल ही इसकी शुरुआत हुई है। कलेक्टर एवं निर्वाचन अधिकारी अरविंद पोसवाल ने कहा कि आचार संहिता में नई ज्वॉइनिंग नहीं दे सकते हैं। अगर कहीं कुछ गलत हुआ है तो जानकारी लेकर नोटिस जारी करेंगे।

मादड़ी पीएचसी प्रभारी ने बिना किसी आदेश के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को बैठने के लिए कक्ष मुहैया करा दिया। महिला डॉक्टर ने मरीजों की जांच भी की। मादड़ी पीएचसी के प्रभारी डॉ. मूलचंद ने बताया कि उन्हें अर्बन प्रोग्राम मैनेजर वैभव सरोहा का फोन आया था कि स्टाफ आएगा तो रख लेना। उन्होंने वैसा ही किया। नए स्टाफ के पास कोई ज्वॉइनिंग लेटर नहीं था, इसलिए हाजिरी रजिस्टर में साइन भी नहीं कराए।सुविवि के जनता क्लीनिक में सेवाएं दे रहे डॉ. ईशान वर्मा ने बताया कि वे किसी ट्रेनिंग प्रोग्राम में थे। तभी उन्हें एक जीएनएम के ज्वॉइन करने की सूचना मिली थी। सीएमएचओ डॉ. शंकर एच. बामनिया ने आचार संहिता के चलते क्लीनिक शुरू नहीं किया है। स्टाफ के लिए ऑर्डर पहले ही निकाले थे। ज्वॉइनिंग की पूरी जानकारी नहीं है। उधर, अर्बन प्रोग्राम मैनेजर सरोहा ने फोन नहीं उठाया।

7 जनता क्लीनिक चालू, एक तैयार, तीन नए खोलने बाकी

शहर में सुखाड़िया विवि परिसर, सुंदरवास, सवीना खेड़ा, गोकुल विलेज, बलीचा दक्षिण विस्तार, खांज़ी पीर और मल्लातलाई सहित 7 जनता क्लीनिक खुल चुके हैं। भीलूराणा कच्ची बस्ती में भी इसे खोलने की तैयारी पूरी हो चुकी थी, लेकिन आचार संहिता के कारण शुरुआत नहीं हो पाई। हिरण मगरी सेक्टर 3 हरिजन बस्ती कुक्कुट शाला, मादड़ी और पानेरियों की मादड़ी में जनता क्लीनिक अभी खोलने बाकी हैं। हर एक क्लिनिक पर प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये एक डॉक्टर, एक सफाई कर्मचारी, दो नर्सिंग स्टाफ, एक सपोर्टिंग स्टाफ लगाने की व्यवस्था है।