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NewsClick संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने बताया अवैध

सुप्रीम कोर्ट ने प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का दिया आदेश

 

देश की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  की दो सदस्यों वाली बेंच ने आज बुधवार को न्यूज़ पोर्टल न्यूज़क्लिक (News Poratl NewsClick) के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी और उसके बाद उन्हें हिरासत में रखे जाना क़ानून की नज़र में अवैध था। 

अदालत ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी के समय ये नहीं बताया गया कि इसका आधार क्या था?  इसकी वजह से गिरफ़्तारी निरस्त की जाती है। कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत द्वारा तय की गई मुचलके की राशि को जमा करने के बाद प्रबीर पुरकायस्थ को जेल से रिहा किया जा सकता है।

आपको बता दे कि पिछले वर्ष अक्टूबर में न्यूज़ वेबसाइट NewsClick से जुड़े कई पत्रकारों के घर पर दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की थी। यह छापेमारी अगस्त 2023 में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के बाद की गई थी। रिपोर्ट में NewsClick वेबसाइट पर आरोप लगाए गए थे कि उसने चीनी प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए एक अमेरिकी करोड़पति से फंडिंग ली है। 

इसके बाद वेबसाइट के ख़िलाफ़ पुलिस ने मामला दर्ज किया था। हालांकि NewsClick ने इन सभी आरोपों का खंडन किया था। ख़बरों के मुताबिक़ यह छापेमारी उसी मामले में की गई थी। 

जिन लोगों पर कथित छापेमारी की कार्रवाई की गई थी उसमें वेबसाइट के संस्थापक और संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, पत्रकार अभिसार शर्मा, औनिंद्यो चक्रवर्ती, भाषा सिंह, व्यंग्यकार संजय राजौरा, इतिहासकार सोहेल हाशमी शामिल थे। पुलिस ने छापेमारी के दौरान मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर समेत इलेक्ट्रॉनिक सामान ज़ब्त किया था। 

दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के तहत केस दर्ज किया था और इस मामले में NewsClick के एडिटर-इन-चीफ़ प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ़्तार किया था। इससे पहले न्यूज़ वेबसाइट और इसकी फंडिंग के सोर्स की जांच साल 2021 में शुरू की गई थी। उस समय दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने वेबसाइट के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था। इसके बाद ED ने भी इस मामले में केस दर्ज किया था।