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उदयपुर में नोडल अधिकारियों ने की ऑक्सीजन उपयोग की ऑडिट

ऑक्सीजन के अपव्यय रोकने एवं बचाव पर दिया जोर

 

संकट की इस घड़ी में ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू रखने हेतु राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

उदयपुर, 03 मई 2021 ।  राज्य सरकार से प्राप्त निर्देशों की अनुपालना में ऑक्सीजन उपयोग की ऑडिट करने हेतु उदयपुर जिले में दल बनाया जाकर सभी कोविड डेडीकेटेड हॉस्पीटल्स को नोडल अधिकारियों में आवंटित किया गया है। इन समस्त नोडल अधिकारियों ने इन हॉस्पीटल्स में निरीक्षण कर ऑक्सीजन के अपव्यय रोकने एवं बचाव संबंधित चेक लिस्ट जारी की जाकर सभी हॉस्पीटल्स में दी है।

ऑक्सीजन सप्लाई सेल उदयपुर के नोडल अधिकारी एवं स्मार्ट सिटी सीईओ नीलाभ सक्सेना ने बताया कि जिले में औसत प्रति मरीज ऑक्सीजन उपयोग 2.90 सिलेण्डर प्रति मरीज है तथा जिले में कुछ अस्पतालों का उपयोग इससे ज्यादा है जिसके अनुकूलतम उपयोग करने की आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि इस प्रकार के सभी हॉस्पीटल्स को केन्द्र एवं राज्य सरकार से जारी कोविड दिशा-निर्देशों की अनुपालना करने हेतु निर्देश जारी करवाये गये। इस हेतु हॉस्पीटलों में ऑक्सीजन के अपव्यय रोकने एवं बचाव हेतु पोस्टर्स भी उपलब्ध करवाये गये। इन हॉस्पीटल्स को स्वयं के स्तर पर ऑक्सीजन ऑडिट के लिये टीम गठित कर नियमित ऑक्सीजन ऑडिट किये जाने हेतु कई बैठकों, व्हाटसऐप मैसेज एवं दूरभाष द्वारा निर्देशित किया गया कि जिले में उपलब्ध ऑक्सीजन संसाधनों एवं आवंटित कोटे के आधार पर अधिकतम मरीजों को बेहतर ईलाज उपलब्ध करवाया जा सके। कई अस्पतालों द्वारा बेहतर व्यवस्थाएँ कर ऑक्सीजन का अनुकूलतम उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। जिनके प्रयासों की सराहना की जाती है।

उन्होंने बताया कि जिले में कुल मांग लगभग 4500 डी-टाईप सिलेण्डर प्रतिदिन है जिसकी पूर्ति हेतु जिले के उत्पादन के अलावा जिले के बाहर हिन्दुस्तान जिंक के दरीबा प्लांट एवं गंगरार से भी सिलेण्डर प्राप्त किये जा रहे हैं। लिक्विड ऑक्सीजन की पूर्ति हिन्दुस्तान जिंक के दरीबा प्लांट के अलावा रिलायन्स इण्डस्ट्रीज जामनगर से प्राप्त हो रही है। जामनगर से टैंकर आने एवं जाने में लगने वाले समय की बचत हेतु राज्य सरकार द्वारा खाली ऑक्सीजन टैंकर को भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा एयरलिफ्ट कर जामनगर पहुंचाया जा रहा है। इस प्रकार संकट की इस घड़ी में ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू रखने हेतु राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

सभी अस्पतालों का यह नैतिक दायित्व है कि उनको आवंटित ऑक्सीजन सिलैण्डर के कोटे का अनुकूलतम उपयोग कर आपदा की इस घड़ी में जनसेवा में सहयोग देवें। ऑक्सीजन का जितना विवेकपूर्ण एवं तर्कसंगत तरीके से उपयोग होगा तो जो ऑक्सीजन बचेगी वह किसी अन्य मरीज की जान बचाने के काम आयेगी।