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एक लाख से अधिक लोगो ने बालविवाह से आज़ादी के लिये ली शपथ

आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हिन्दुस्तान जिंक की पहल

 

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा आज़ादी के 75वर्ष पूर्ण होने, अमृत महोत्सव पर बाल विवाह रोकने हेतु अभियान 21 से पहले नही शादी, बाल विवाह से आज़ादी अभियान चलाया गया जिसमें प्रदेश के 6 जिलों एवं उत्तराखंड के पंतनगर में 550 ग्राम पंचायत के 1 लाख से अधिक लोगो ने रैली, नारों और आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत् आयोजित कायक्रमों में बाल विवाह से आजादी की शपथ ली। 

हिन्दुस्तान जिंक संचालन के आसपास के क्षेत्र में ग्राम पंचायत, विद्यालयों, आंगनवाडियों, खुशी केंद्रो, समाधान परियोजना, सखी परियोजना, स्वास्थ्य परियोजना, जिंक फुटबाॅल केंद्र, शिक्षा संबंल, वेदांता फाउण्डेशन द्वारा संचालित रिंगस गर्ल्स काॅलेज में आयोजित कार्यक्रमों में ग्रामीणों, महिलाओं, विद्यार्थियों सहित उपस्थित समुदाय को जनप्रतिनिधियों, विद्यालय के प्राचार्य द्वारा शपथ दिलायी गयी। 

अतिथियों ने समुदाय को जानकारी देते हुए कहा कि देश में होने वाले बालविवाह में से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 28.3 प्रतिशत एवं शहरी क्षेत्र में 15.1 प्रतिशत है, जो कि चिंता का विषय है। बाल विवाह किसी बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है। 

ऐसा माना जाता है कि कम उम्र में विवाह के कारण लड़कियों को हिंसा, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का अधिक सामना करना पड़ता है। कम उम्र में विवाह का लड़के और लड़कियों दोनों पर शारीरिक, बौद्धिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ता है, शिक्षा के अवसर कम हो जाते हैं और व्यक्तित्व का विकास सही ढंग से नही हो पाता है। हांलाकि बाल विवाह से लड़के भी प्रभावित होते हैं। लेकिन यह एक ऐसा मुद्दा है जिससे लड़कियां बड़ी संख्या में प्रभावित होती हैं। 

सरकार ने बाल विवाह निषेध अधिनियम लाकर हाल के वर्षों में इस प्रथा को रोकने की दिशा में काम किया है। एक जिम्मेदार उद्योग होने के नाते हिन्दुसतान जिंक द्वारा बाल विवाह रोकने के प्रति सभी को सजग करने और इसे रोकने में अपनी भूमिका निभाने हेतु यह पहल की है। जिसमें बाल विवाह नही करने या ऐसे किसी भी आयोजन में शामिल नही होने का प्रण लिया। 

आयोजन को सफल बनाने में हिन्दुस्तान जिंक के कार्यक्रम सहयोगी  विद्याभवन,एनडीएस, सेवा मंदिर, द फुटबाॅल लिंक, जतन, जीएसवीएस, मंजरी फाउण्डेशन, बायफ, अंबुजा सीमेंट, सृष्टि, टाटा स्ट्राइव, रिजोनेन्स, कोस्वी, बधिर विद्यालय, केयर, दीपक फाउण्डेशन, वाॅकहार्ट फाउण्डेशन, वेदांता फाउण्डेशन, हनुमान वनविकास समिति एवं यंगमंक ने सक्रिय सहयोग दिया।