ई-रिक्शा चलाने की दिशा में महिलाओं को विशेष अवसर
उदयपुर शहर में जल्द ही ई रिक्शा का संचालन शुरू होने वाला है
राजस्थान के उदयपुर शहर में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और बढ़ते पेट्रोल व डीजल के दाम और पर्यावरण संरक्षण के लिए देश अब ई-व्हीकल पर शिफ्ट होता नजर आ रहा है। जिसके लिए अहम फैसला लिया गया है। उदयपुर जिला प्रशासन जल्द ही ई-रिक्शा चलाने की दिशा में महिलाओं को विशेष अवसर प्रदान करने वाला है। इसमें उन्हें कई विशेष सुविधाएं भी मिलेगी। इससे ना सिर्फ महिला सशक्तिकरण का संदेश जाएगा बल्कि शहर को प्रदूषण रहित करने में भी मदद मिलेगी जिसमे महिलाओं को कोई भी भुगतान नही करना होगा बल्कि उन्हें सशक्त करते हुए सीधा ई-रिक्शा मालिक बनाया जाएगा।
डॉ.कल्पना शर्मा ने बताया की प्रशासन ये ई-रिक्शा विभिन्न कंपनियों से सीएसआर के तहत लेने की तैयारी में जुटा है। पहले चरण में संभवतः 11 ई-रिक्शा दिए जाएंगे, उसके बाद महिलाओं की रूचि देखते हुए इनकी संख्या को बढाया जाएगा। इसमें महिलाओं के लिए ई-रिक्शा खुद का चलाने को लेकर भी सहयोग किया जाएगा।
इन विषयों पर भी काम किया जाएगा
- विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक लाइट स्थापित करने, विभिन्न स्थानों पर ऑटो स्टैंड स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
- इसके अलावा वॉल्ड सिटी के लिए नगर निगम द्वारा प्रस्तावित ग्रीन मोबिलिटी जोन प्रोग्राम को मंजूरी दी गई है।
- शहर के अंदर और महत्वपूर्ण सड़कों पर दोपहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए पीले रंग की मार्किंग करवाई जाएगी।
- बड़ी तालाब के पास सौंदर्यीकरण के साथ ही सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा।
मोनिटरिंग के अभाव में पहले वाले ई-रिक्शा अब कबाड़ में
हालांकि जिला प्रशासन व नगर निगम की और से पूर्व में भी ई-रिक्शा की शुरुआत की गयी थी। पूर्व में चलाए गये ई-रिक्शा देखरेखव चालकों के अभाव मे कबाड़ हो गये। अब नए सिरे से सीएसआर के तहत प्रशासन महिलओं को सीधा ही ये ई-रिक्शा दे रहा है। इन रिक्शों में छात्राओं को निशुल्क स्कूल-कॉलेज जाने में मदद मिलती। महिलाओं को अस्पताल, कलेक्ट्रेट व सरकारी विभागों और बाज़ार में पैदल चलने से बचाने के लिए सुविधा होती है।
कोर्ट चौराहा निवासी चंद्रप्रभा कहती है की जब यह ई-रिक्शा चल रही थी तो इससे आने-जाने में काफ़ी आसानी थी, पर जब से ये बंद हुए है ऑटो-चालकों को मुंहमांगे रूपए देने पड़ रहे है। इसके कारण सिटी बस में सफ़र करना पड़ता है।