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फुलवारी अभयारण्य में पहली बार दिखा नया आर्किड

डॉ. शर्मा व डॉ. खांडल ने देखा अनोखा पैरीस्टाइलस गुडयेरोइडीज आर्किड

 

उदयपुर 15 सितंबर। समृद्ध जैव विविधता वाला मेवाड़-वागड़ एक बार फिर से सुर्खियों में आया है। इस बार फुलवारी अभयारण्य अनोखी प्रजाति के दुर्लभ ऑर्किड का गवाह बना है। प्राप्त जानकारी अनुसार राजस्थान में पहली बार पैरीस्टाइलस वंश की प्रजाति के आर्किड पैरीस्टाइलस गुडयेरोइडीज को फुलवारी अभयारण्य में देखा है और इसे देखने का श्रेय है उदयपुर निवासी राजस्थान के ख्यातनाम प्रकृतिविद् डॉ. सतीश शर्मा और प्रकृतिविद् डॉ. धर्मेन्द्र खांडल को।
 

पैरीस्टाइलस वंश की चौथी प्रजाति पहली बार दिखीः
डॉ. शर्मा ने बताया कि राजस्थान में पहली बार पैरीस्टाइलस वंश के आर्किड पैरीस्टाइलस कान्सट्रीकट्स का पता वर्ष 2007 में फुलवारी एवं सीतामाता अभयारण्यों में लगा था। उसके बाद इसी वंश के दो नए आर्किड पैरीस्टाइलस स्टोकेसी माउंट आबू क्षेत्र में एवं पैरीस्टाइलस लावी की उपस्थिति फुलवारी अभयारण्य में दर्ज हुई थी। उन्होंने बताया कि हाल में ही में पैरीस्टाइलस वंश की चौथी प्रजाति पैरीस्टाइलस गुडयेरोइडीज को फुलवारी अभयारण्य के लथूनी डैया रोड़ के किनारे अंबावी गांव के पास देखा गया है।

 

अनूठी उपलब्धि शोध जर्नल में हुई प्रकाशित:
डॉ. सतीश शर्मा और डॉ. धर्मेन्द्र खांडल द्वारा इस आर्किड की राजस्थान में पहली बार देखने की उपलब्धि को इंडियन जर्नल ऑफ एनवायरमेंट साइंसेज ने अपने अंक 26 (2) में प्रकाशित किया है। डॉ. शर्मा व डॉ. खांडल की इस उपलब्धि के लिए मेवाड़-वागड़ के प्रकृतिप्रेमियों ने खुशी जताई है और बधाई देेते हुए इस आर्किड की उपस्थिति को एक अच्छी किस्म के वनों की द्योतक बताया है।  

 

मानसून में दिखता है आर्किड का सौंदर्य:
यह आर्किड एक बरसाती पौधा है जो केवल वर्षा ऋतु दौरान ही नज़र आता है। सर्दी व गर्मी में यह कंद के रूप में भूमि में रहकर वर्षा का इंतजार करता है। मानसून आते ही इसके प्रायः चार पत्तियां आती है तथा जुलाई के अंतिम सप्ताह में एक अशाखित पुष्पकम नज़र आने लगता है जिसमें गंदले सफेद रंग के फूल खिलने लगते हैं। यह आर्किड भारत में हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात, सिक्किम, मेघालय, असम, नागालेंड, मणीपुर, पश्चिमी बंगाल, बिहार, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं अंडमान में पाया जाता है। भारत के बाहर यह नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बंगलादेश, म्यामार, चीन, फिलीपिंस, मलेशिया, थाइलेंड, इंडोनेशिया एवं न्यू गिनी में पाया जाता है।