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तीसरी लहर को देखते हुए मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने सभी कलेक्टर को दिए निर्देश 

अस्पतालों में दवाइयों और ऑक्सीजन का स्टॉक रखने के निर्देश

 

सैम्पलिंग बढ़ाकर कोरोना के नए रोगियों की पहचान कर उनको आइसोलेट किया जाए

राजस्थान में कोरोना महामारी और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने सभी ज़िलों के कलेक्टर को अलर्टजारी किया है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ अखिल अरोड़ा की ओर से एक आदेश जारी करते हुए सभी कलेक्टर को ज़िलों के हॉस्पिटल में दवाइयों और ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक रखने और सेंसेटिव एरिया में टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाने के लिए निर्देश दिए है। 

प्रदेश में कोरोना संक्रमण फिर बढ़ रहा है। एक माह में वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन 4 जिलों में फैल चुका है और डेल्टा वैरिएंट 19 जिलों में। सोमवार को ओमिक्रॉन के जयपुर में 2 और उदयपुर में 1 सहित 3 नए केस मिले। इन सभी को मिलाकर अब तक 46 संक्रमित सामने आ चुके हैं।

ये निर्देश हुए जारी

  • 15 से 18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, हेल्थ वर्कर्स को तीसरी डोज लगाने की केन्द्र सरकार ने घोषणा की है। इसको लेकर तैयारियां करने के निर्देश दिए है।
  • जिन जिलों में ब्लॉक लेवल या एरिया वाइज़ ज़्यादा कोरोना के केस आ रहे हैं, वहाँ सैम्पलिंग बढ़ाकर कोरोना के नए रोगियों की पहचान कर उनको आइसोलेट किया जाए।
  • जिन लोगों के कोरोना के पहली डोज़ लग गई और दूसरी नहीं लगी है उनको दूसरी डोज़ लगाई जाए। वहीं, जो लोग पहली डोज़ भी लगाने नहीं आए उनको वैक्सीनेशन के लिए जागरूक किया जाए।
  • वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने और कोविड नियमों की पालना लोग कर सके इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए स्वयं सेवी संगठनों, धर्म गुरुओं, व्यापारिक संगठनों की मदद ली जाए। उनके संग बैठक कर उनकी इस अभियान में भागीदारी सुनिश्चित करवाई जाए।
  • थर्ड वैव की तैयारियों के लिए जिले में लगाए गए नए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थिति जांच ले और मॉकड्रिल करके उनकी टेस्टिंग करने के निर्देश दिए है, ताकि इनमें अगर कोई खामी रह गई हो तो उसे अभी दूर कर सके। इससे जरूरत के समय पूरे संसाधन अच्छे से काम में लिए जा सके।
  • मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत कोरोना के उपचार को भी शामिल किया है। इस लिए सभी प्राइवेट हॉस्पिटल को सूचित किया जाए और उनसे कोविड के इलाज के लिए आवश्यक दवाइयों और बैड की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए है।