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मावली केस के आरोपी के माता पिता ने खुद की सुरक्षा के लिए लगाईं गुहार 

दूसरी तरफ पीड़िता के समाज के लोगों ने आरोपी के माता-पिता को गांव में नहीं आने देने और गांव से बेदखल करने को लेकर बैठक की

 

उदयपुर जिले के मावली क्षेत्र में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में सोमवार को मुख्य आरोपी के माता-पिता की पेशी हुई। पेशी के दौरान दोनों ने अपनी सुरक्षा, घर की सुरक्षा और घर का कब्जा देने के लिए एप्लीकेशन दी। दूसरी तरफ पीड़िता के समाज के लोगों ने आरोपी के माता-पिता को गांव में नहीं आने देने और गांव से बेदखल करने को लेकर बैठक की। इस दौरान बड़ी तादाद में एकत्रित हुए समाज के लोगों ने हत्या की धारा खारिज होने और दोनों को जमानत मिलने पर कड़ा आक्रोश जताया और नाराजगी व्यक्त की। 

आपको बता दें कि एक माह पूर्व मावली क्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के बाद के आरोपी ने टूकड़े-टूकड़े कर फेंक दिया था। इस मामले में कुछ दिनों पूर्व ही आरोपी के माता-पिता पर लगी हत्या की धारा 302 को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद वह जमानत पर बाहर आ गए। फिलहाल दोनों पर हत्या के साक्ष्य मिटाने की धारा 202 ही लगी हुई है। 

यह भी कहा जा रहा है कि जेल से बाहर आने के बाद आरोपी के माता पिता कपासन में अपने ससुराल में रह रहा है और पेशी के दौरान वहां से आ रहा है। गौरतलब है कि पुलिस की जांच में सामने आया कि 29 मार्च को घटना के वक्त माता-पिता घर पर नहीं थे। पीछे से आरोपी ने बच्ची के साथ रेप किया। उसके बाद उसकी हत्या कर दी। फिर उसके शरीर के 10 टुकड़े किए। आरोपी के माता-पिता कुछ देर बाद घर पहुंचे। उन्हें घर में बच्ची का शव नजर आया। 

माता-पिता बच्चे के इस कृत्य को देख बुरी तरह चौंक गए। माता-पिता ने पुलिस और समाज के डर से बच्ची की लाश को बाहर फेंककर आने का प्लान बनाया। माता-पिता ने ही ऐसी लोकेशन तलाश की जहां किसी की नजर नहीं पड़े। बेटे को घर से 200 मीटर दूर खंडहर के बारे में बताया। इसके बाद रात के अंधेरे में आरोपी खुद बच्ची के क्षत-विक्षत शव को कपड़े के थैले में भरकर खंडहर में फेंककर आया। लेकिन कोर्ट ने दंपति पर लगी धारा 302 को खारिज कर दी है। इसको लेकर आक्रोश एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है।