कन्हैया के हत्यारों को पकड़वाने वाले प्रह्लाद व शक्ति को सरकारी नौकरी
बड़े विवाद से नाम जुड़ने के बाद छिन गई थी प्राइवेट जॉब
उदयपुर 21 सितम्बर । प्रदेश सरकार ने पिछले साल 28 जून को मालदास स्ट्रीट में टेलर कन्हैयालाल साहू की हत्या कर भागे आतंकी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद को देवगढ़, भीम में पकड़वाने वाले शक्ति सिंह चूंडावत और प्रह्लाद सिंह चूंडावत को सरकारी नौकरी का तोहफा दिया है।
सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। 10वीं कक्षा तक पढ़े प्रह्लाद और 12वीं तक शिक्षित शक्ति सिंह को कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। दोनों की उम्र 31-31 साल है, इसलिए सरकार ने नियमों में शिथिलता भी दी है। प्रह्लाद और शक्ति का कहना है कि आतंकी रियाज और गौस को पकड़वाने के बाद उनकी निजी क्षेत्र की नौकरियां छिन गई थीं, जिसकी वजह से घर खर्च तक चलाने में परेशानी हो रही है। ऐसे में यह नौकरी मिलने से अब घर खर्च के साथ माता-पिता की सेवा करने की सहूलियत मिलेगी। इस नौकरी से प्रदेश के उन युवाओं के जोश-जज्बे को संबल मिलेगा, जो ऐसे आतंकियों को पकड़वाने के लिए अपने अवसर की तलाश में रहते हैं।
राजपूत करणी सेना के राजसमंद जिलाध्यक्ष और सरपंच चंद्रभान सिंह ने कहा कि इससे सर्व समाज के युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह की अभी शादी नहीं हुई है। शक्ति सिंह ने बताया कि वह अहमदाबाद में एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे, जहां 30 हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी थी। कंपनी से छुट्टी लेकर आए थे और 28 जून, 2022 को देवगढ़-भीम क्षेत्र में थे। सूचना मिली कि बाइक 2611 से आतंकी हत्या कर इधर आने वाले हैं।
आतंकियों की सूचना पुलिस को दी, जिससे वे पकड़े गए। घटनाक्रम के बाद वह अहमदाबाद लौटे, लेकिन कपंनी ने नौकरी पर रखने से मना कर दिया। कंपनी को डर था कि आतंकी अहमदाबाद तक भी पहुंच जाएंगे। दूसरी ओर प्रह्लाद अहमदाबाद के एक होटल में 30 हजार रुपए मासिक वेतन पर नौकरी करते थे। वह भी छुट्टियों पर गांव लौटे थे और वापसी पर होटल प्रबंधन ने नौकरी पर रखने से मना कर दिया। होटल वालों को भी आतंकियों का ही डर था। ऐसी ही आशंकाओं के बीच शक्ति और प्रह्लाद ने प्रशासन से हथियार लाइसेंस और सरकारी नौकरी की मांग की थी।