{"vars":{"id": "74416:2859"}}

सड़क किनारे मिले बुजुर्ग को पिता तुल्य मान प्रतीक ने 3 दिन की अथक मेहनत से दिलाया आश्रय 

फादर्स डे विशेष 

 
इस पूरी मुहिम में प्रतीक उनकी माँ संगीता देवड़ा, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील खेराडा, अपना घर के संचालक डॉ. ब्रजमोहन भारद्वाज, मैत्री मंथन संस्थान की मोनिका वैष्णव, दामिनी वैष्णव,विकास, चेतन  का सहयोग रहा।

उदयपुर।  फादर्स डे पर लाखों बच्चों ने अपने पिता को तोहफे देकर या अपने तरीके से सेलिब्रेशन मनाते हुए बधाइयां दी। लेकिन इन सबसे अलग उदयपुर के प्रतीक सिंह देवड़ा सड़क पर मिले एक अनजान मानसिक विक्षिप्त बुजुर्ग को पिता तुल्य मानकर ना सिर्फ उनका इलाज कराया, बल्कि 'अपना घर' में उन्हें आश्रय दिला कर एक बेटे की तरह अपना फर्ज निभाया।  

3 दिन पहले प्रतीक को एक बुजुर्ग सड़क किनारे बेहद गंभीर हालत में मिले, जिसके बाद प्रतीक ने मैत्री मंथन संस्थान के कार्यकर्ताओं के साथ एमबी हॉस्पिटल में उनका इलाज करवाया। अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील खेराडा की मदद से बुजुर्ग की सारी जाँचे निःशुल्क करवाकर उनका बेहतर इलाज किया गया। खुद डॉ. सुशील ने 2 बार बुजुर्ग का चेकअप भी किया। 

इधर हालत सुधरने के बाद रविवार को बुजुर्ग को छुट्टी दे दी गयी। लेकिन प्रतीक का यह फर्ज यहीं तक पूरा नहीं हुआ। प्रतीक ने पहले दिन से ही मन मे ठान लिया था कि बुजुर्ग को कही आश्रय दिलाना है, जहां रहकर वो बिल्कुल स्वस्थ हो और एक आम इंसान की तरह जिंदगी गुजरे क्योंकि प्रतीक नही चाहता था कि बुजुर्ग फिर से दर- दर की ठोकरे खाये, पहले की तरह कई दिनों तक भूखे रहे, बिना नहाए रहे। इसके लिए प्रतीक ने अपनी माता संगीता देवड़ा से मदद ली जो तारा संस्थान में कार्यरत है, और खुद एक समाज सेविका है। 

ऐसे में संगीता देवड़ा ने शनिवार देर रात तक मानसिक विक्षिप्त लोगों के आश्रम के बारे में पता किया तब उन्हें भरतपुर के अपना घर का नंबर मिला जहां से उन्हें उदयपुर के मीरा नगर आयड़ स्तिथ अपना घर के की जानकारी मिली। रविवार सुबह प्रतीक ने अस्पताल से बुजुर्ग की छुट्टी करवाकर आखिरकार उन्हें अपना घर आश्रम पहुंचाया वहां उन्हें नहलाया ओर खाना खिलाकर कपड़े भी बदलवाए। अब बुजुर्ग की हालत पहले से काफी बेहतर है। 

प्रतीक इन बीते 3 दिनों के बारे में बताते हुए बेहद भावुक भी है, और खुश भी की बिना किसी स्वार्थ के उन्होंने बुजुर्ग को आखिरकार अपना घर पहुंचा दिया। फिलहाल बुजुर्ग को 14 दिन के लिए अपना घर मे ही क्वारन्टीन किया गया है, और वहां के सेवाभावी स्टाफ द्वारा पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इस पूरी मुहिम में प्रतीक उनकी माँ संगीता देवड़ा, वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील खेराडा, अपना घर के संचालक डॉ. ब्रजमोहन भारद्वाज, मैत्री मंथन संस्थान की मोनिका वैष्णव, दामिनी वैष्णव,विकास, चेतन  का सहयोग रहा।