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जेल में कैदियों ने जगाई पर्यावरण की अलख

शिक्षांतर नामक संस्थान ने कैदियों के लिए रखा जेल में सांस्कृतिक कार्यक्रम

 

कार्यक्रम में पर्यावरण जागरूकता हेतु मूकाभिनय और गीत संगीत के माध्यम से दिया गया

उदयपुर 29 अगस्त 2021। विश्व में बदलते पर्यावरण परिदृश्य के मद्देनज़र उदयपुर की सेंट्रल जेल के कैदियों ने मूकाभिनय और गीत संगीत के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता का सन्देश देते हुए शिक्षांतर नामक संस्थान के सहयोग एवं प्रोत्साहन से जेल में बंद कैदियों के साथ साथ दुनिया को पर्यावरण सन्देश का अनूठा कार्यक्रम किया जहाँ कार्यक्रम का संचालन से लेकर समाप्ति तक सभी प्रस्तुति कैदियों द्वारा दी गई। 

कल शाम शनिवार को उदयपुर के केंद्रीय कारागृह में शिक्षांतर नामक संस्थान के सहयोग और प्रोत्साहन से जेल के कैदियों द्वारा मंच पर मूकाभिनय और गीत संगीत का कार्यक्रम अन्य कैदियों के न केवल मनोरंजन बल्कि पर्यावरण बचाने के सन्देश के साथ बेहद आकर्षक प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में जेल अधीक्षक राजेंद्र कुमार, शिक्षांतर संस्थान के संचालक मनीष जैन और उनकी टीम उपस्थित थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडीजे लीगल कुलदीप सूत्रकार थे। 

वहीँ कोलकाता से आये सुशांत ने मात्र 10 दिनों में मूकाभिनय हेतु कैदियों को प्रस्तुति के लिए तैयार किया। वहीँ जेल में बंद परमेश्वर व्यास, रवि दुदानी, बालकिशन और उनके अन्य साथियो ने मूकाभिनय, भजन, कव्वाली, गीत आदि प्रस्तुत कर कैदियों का भरपूर मनोरंजन किया।  

उल्लेखनीय है जेल यूनिवर्सिटी में शिक्षांतर के माध्यम से कैदियों ने गीत संगीत, पेंटिंग्स, फार्मिंग जैसी अनेक विधाए सिखाई जा रही है जिससे न केवल कैदियों के जीवन में बदलाव संभव है बल्कि दो वर्ष पहले जेल के कैदियों ने उदयपुर में आयोजित होने वाले वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल में भी प्रस्तुति दी है।  शिक्षांतर के मनीष जैन ने बताया की कैदियों की रॉकस्टार टीम आगामी सितम्बर की 17 तारीख को सिटी पैलेस में प्रस्तुति देगी। 

जेल अधीक्षक राजेंद्र कुमार ने बताया की जेल की दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग्स भी कैदियों द्वारा बनाई गई है। वहीँ ऐसे कार्यक्रमों से कैदियों की रिहाई के बाद उन्हें समाज में पुनः समायोजित होने के अवसर प्राप्त होंगे। कई सारे कैदी अपना पिछला आपराधिक जीवन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित होना चाहते है।  इसके लिए समाज को भी उन्हें अपनाना होगा। 

मुख्य अतिथि एडीजे लीगल कुलदीप सूत्रकार ने बताया की कैदियों द्वारा ऐसे प्रयास सराहनीय है।  निरंतर ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिए ताकि वह अपना पिछले जीवन भूलकर नै शुरुआत कर सके। शिक्षांतर का यह प्रयास निःसंदेह सराहनीय है।