मदार तालाब का पानी नहीं छोड़े जाने पर किसानो को हुई परेशानी
प्रशासन द्वारा तालाब के पानी को नही छोड़ने से कोरोना काल मे मवेशियों को भी पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
सभी जनप्रतिनिधियों ने एक बार फिर कलेक्टर चेतन राम देवड़ा से गुहार लगा कर जल्द से जल्द तालाब का पानी छोडने की मांग की है
उदयपुर के बड़गाँव उपखड़ के अन्तर्गत आने वाले मदार तालाब का पानी समझौते के अनुरूप नही छोड़े जाने से थुर-लोयरा सहित कई राजस्व गावो के किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यही नही प्रशासन द्वारा तालाब के पानी को नही छोड़ने से कोरोना काल मे मवेशियों को भी पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
इस परेशानी से थुर गाव के सरपंच जगदीश गाच्छा, लोयरा सरपंच प्रियंका सुथार,पँचायत समिति सदस्य उषा डाँगी ने एसडीएम को अवगत कराया लेकिन ठोस निर्णय नही होने से किसानों और क्षेत्र के लोगो को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। ऐसे में अब सभी जनप्रतिनिधियों ने एक बार फिर कलेक्टर चेतन राम देवड़ा से गुहार लगा कर जल्द से जल्द तालाब का पानी छोडने की मांग की है।
थुर सरपंच जगदीश गाच्छा का कहना है कि प्रतिवर्ष उपखण्ड के प्रशासनिक अधिकारियों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की एक कमेटी का गठन किया जाता है। इस वर्ष भी कमेटी की मीटिंग में गेहूं की फसल की 5 पिलाई का निर्णय मदार तालाब के पानी का लिया गया था लेकिन उसमें भी प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही के चलते सिर्फ 4 पिलाई ही फसलों की हो पाई। इसके अलावा मवेशियों के पीने और कुओ का जलस्तर बढ़ाने के लिए तालाब के पानी की आवश्यकता है।
कई वर्षो पूर्व क्षेत्र के कई राजस्व गावो के ग्रामीणों के बीच एक समझौता किया गया था जिसके अंतर्गत 8 फ़ीट पानी ही तालाब में रखा जा सकता है बाकी शेष पानी मवेशियों के पीने और फसलों की पिलाई करने के लिए छोड़ा जाता है। लेकिन इस बार कोई भी प्रशासनिक अधिकारी विगत 2 महीनों से इस परेशानी पर ध्यान नही दे रहे है। डांगियो कि हुन्दर, ब्राम्हणो की हुन्दर, थुर, लोयरा, राठोड़ो का गुडा, चिकलवास और मालियों की होटल तक के राजस्व गावो में तालाब के पानी की पिलाई होती है।
पूर्व में प्रशासनिक अधिकारियों को गाव के उपसरपंच सुमन डाँगी, वार्डपंच नन्दू डाँगी, चौका डाँगी, रतन गाच्छा, लोगर डाँगी, सुरेंद्र डाँगी ने मिलकर इस समस्या को अवगत करवाया था लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नही होने से क्षेत्र में पानी का संकट गहराता जा रहा है।
पंचायत समिति सदस्य उषा डाँगी का कहना है कि कोरोना के इस दौर में किसानो की आजीविका जोत पर ही निर्भर है लेकिन पानी नही छोड़े जाने से किसानो की माली हालत खराब होती जा रही है। लोयरा सरपंच प्रियंका सुथार ने बताया है कि प्रशासनिक अधिकारियों की आपसी खीचतान से क्षेत्र को नुकसान उठाना पड़ रहा है। यही नही क्षेत्र के मवेशियों को पानी नही मिलने से मवेशी दम तोड़ रहे है ।