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लकड़वास गांव में कथित भूमाफियाओं द्वारा पहाड़ काटे जाने का विरोध

विरोध कर रहे ग्रामीणों पर राजयकार्य में बाधा का मामला दर्ज होने का भी विरोध 
 

उदयपुर से सटे लकड़वास गांव में कथित भूमाफियाओं द्वारा पहाड़ काटे जाने और उसका विरोध करने और सचिव से शिकायत करने के एवज में क्षेत्र वासियों के खिलाफ राज्य कार्य में बाधा का मामला दर्ज होने के चलते क्षेत्र वासियों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर नाराजगी दर्ज कराई। क्षेत्रवासियों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंप कर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए उप सरपंच गंगाराम पटेल ने बताया कि पिछले एक महीने से उनके क्षेत्र में कुछ भूमाफिया द्वारा पहाड़ काटने का काम किया जा रहा है। इसकी शिकायत पूर्व में भी जिला कलेक्टर पुलिस और खान विभाग को की गई थी। लेकिन पहाड़ काटना नहीं रुका।

पटेल ने कहा कि क्षेत्र में जहां पहाड़ काटने का काम चल रहा है वही दो स्कूल भी मौजूद है जहां पहाड़ काटने की प्रक्रिया में ब्लास्टिंग भी की जाती है और ऐसे में स्कूल के छात्रों को भी नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने कहा जब पहाड़ काटने वाले व्यक्तियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें पंचायत द्वारा एनओसी दे दी गई है।

पटेल ने कहा कि वहां पूर्व में भी क्षेत्र के सरपंच रहे हैं और अब वर्तमान में भी उपसरपंच है और वह इस पूरे प्रकरण को जानते हैं इसको लेकर जब शुक्रवार को क्षेत्र के 300-400 लोग इकट्ठा हुए और सरपंच से मुलाकात कर उनसे एनओसी देने की बात पर सवाल किया तो सरपंच द्वारा एनओसी देने की बात से इनकार कर दिया गया। इसको लेकर जब सचिव से बात की गई और उन्हें मौके पर बुलाया गया तो सचिव साहब मौके पर आए जहां उन्होंने पहले तो 1 लाख रूपए लेकर एनओसी देने की बात कही, दूसरे दिन उन्होंने 1 लाख 60 हज़ार रुपए लेने की बात कही।

पटेल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पहाड़ काटने का कार्य मारू नामक कंपनी द्वारा किया जा रहा है। पटेल ने कहा कि जब सचिव साहब से समिति के सदस्यों से सहमति लेने की बात पूछी गई और रजिस्टर में उनके साइन के बारे में पूछा गया तो रजिस्टर में सिर्फ दो ही सदस्य द्वारा साइन करना सामने आया।

पटेल ने कहा कि अब उनकी मांग है कि इस एनओसी को कैंसिल किया जाए ताकि क्षेत्र वासियों को राहत मिल सके उनका कहना है की एनओसी मिलने से पहाड़ काटने का काम किया जा रहा है और पहाड़ काटने से उनके और उनके क्षेत्र वासियों की जान को खतरा है उनका कहना है कि आसपास के क्षेत्र में जंगल होने से पहाड़ियां काटने से जंगली जानवर सीधा उनके गांव में घुसने लगेंगे जिससे अब उनके जान पर बन आई है। 

ऐसे में अब सभी क्षेत्रवासी और पटेल खुद भी यह चाहते हैं कि इस निक को जल्द से जल्द कैंसिल किया जाए। साथ ही सचिव और सरपंच पर भी पटेल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों गांव की सारी रोड लाइट्स भी बंद कर दी है जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

वही लकड़वास के पूर्व वार्ड पंच ने कहा कि जब वह लोग 2 दिन पहले सचिव साहब से मिलने गए और उनसे पहाड़ काटने की शिकायत की और उनसे पहाड़ काटने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि निर्माण स्वीकृति दी गई है, जब क्षेत्र वासियों ने निर्माण स्वीकृति देने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वह उसका जवाब दे देंगे और उसके बाद सोमवार सुबह क्षेत्र वासियों ने अखबार में पड़ा कि उनके खिलाफ प्रताप नगर थाने में राज्य कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।

पूर्व वार्ड पंच का कहना है कि सभी क्षेत्रवासियों की मांग है कि उनके खिलाफ इस तरीके से राज्य कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करना सरासर गलत है और इसे भी जल्द से जल्द हटाया जाए।

भाजपा नेता गहरी लाल डांगी ने क्षेत्र वासियों का समर्थन करते हुए कहा कि लकड़वास क्षेत्र के युवाओं को जबरदस्ती परेशान किया जा रहा है उन्होंने कहा कि यहां गांव का नियम होता है कि पंचायती राज में कभी भी कोई समस्या आती है तो लोग पंचायत से ही सवाल करते हैं ऐसे में जब उन्होंने पहाड़ काटने की बात को लेकर पंचायत से सवाल किया तो उन्होंने अब उनके खिलाफ इस तरीके से मुकदमा दर्ज कर दिया गया है जो की सरासर गलत है। 

उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की गहनता से जांच की जाए और इस मामले की जांच थानाधिकारी के स्तर के अधिकारी द्वारा कराई जाए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। पटेल ने कहा कि यह पूरा राजनीति का खेल है जिसमें सचिव को मोहरा बनाया जा रहा है। और इसमें क्षेत्र के कुछ लोग और अन्य लोग शामिल हैं जिनके द्वारा पहाड़ियों को काटा जा रहा है, इसीलिए इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और उसके बाद ही उचित कार्रवाई की जाए।