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शिल्पग्राम में बन रहे मल्टीस्टोरी निर्माण पर विरोध

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा-मेवाड़ ने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री एवं पर्यटन मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

 

महासभा के प्रवक्ता रणवीर सिंह जोलावास ने बताया कि मार्गदर्शक मंडल सदस्य नरेन्द्र सिंह शेखवात ने नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा

उदयपुर। पर्यटन सिटी उदयपुर में 32 साल पहले आने वाली पीढ़ियों को गांवों की जीवनशैली और कला-संस्कृति दिखाने के लिए शिल्पग्राम में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, नगालैंड और राजस्थान के पारंपरिक घर और चीजें संयोजित हैं। झोपड़ियों के निर्माण के दौरान लकड़ी, पत्थर, मिट्टी और छत के लिए घास केलु भी वहीं से मंगवाए। निर्माण भी वहीं के कलाकारों कारीगरों से करवाया गया। 

इस प्रकार बसाए गए शिल्पग्राम को उजाड़कर सीमेंट-कंक्रीट का जंगल बनाने की शुरुआत हो गई है। पेड़ों की बलि भी ले ली गई तथा मेवाड़ के आदिवासी संस्कृति की पहचान जनजाति संग्रहालय को तोड़ा जा रहा है, जो दो झोपड़ियों में बना है। कॉम्प्लेक्स से भील झोपड़ी भी छिप जाएगी। शिल्पग्राम का मकसद गांव की अनुभूति कराना है, इसलिए यहां अब तक ऑफिस भी झोपड़ियों में चल रहा है। ऐसे में सीमेंट-कंक्रीट का कॉम्प्लेक्स शहर-सा आभास कराएगा। 

जिलाध्यक्ष यादवेन्द्र सिंह रलावता ने बताया कि कॉम्प्लेक्स को बनाना ही है तो इसके मूल स्वरूप से छेडछाड किए बिना निर्माण होना चाहिए। रंगमंच के पास की जगह 70 एकड़ परिसर में पीछे खाली जमीन का उपयोग करना चाहिए और वर्तमान के मूल रूप को बरकरार रखा जाए।

ज्ञापन देते वक्त शिव सेना देहात प्रभारी भानुप्रताप सिंह थाणा, मार्गदर्शक मंडल सदस्य रिपुदमन सिंह राठौड़, विकास सिंह शेखवात, अजित सिंह जी, घनश्याम सिंह चुंडावत, जयदेव सिंह आदि मौजूद रहे और कहा कि अगर शीघ्र निर्माण नहीं रुका तो जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा ।