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लेपर्ड हमले में मृतक महिला के परिजनों ने किया प्रदर्शन 

ग्रामीण और सेन समाज के लोगों ने एमबी हॉस्पिटल की मोर्चरी पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया
 

उदयपुर 17 अक्टूबर 2024। ज़िले में बढ़ती हुई लेपर्ड अटैक की घटनाओं से अफरा तफरी का माहौल हैं, उदयपुर के आसपास के ग्रामीण इन दिनों खौफ में जीने को मजबूर हैं।

एक के बाद एक लेपर्ड अटेक में अब तक ज़िले के गोगुन्दा और झाड़ोल इलाके सहित अब बड़ा मदार गांव में भी बुधवार दोपहर एक लेपर्ड ने सोयाबीन के खेतोँ में काम कर रही दो महिलों पर हमला किया था जिसमे दोनों महिलाएं घायल हो गई थीं जिस में से एक बुजुर्ग महिला 65 वर्षीय मांगी बाई सेन की दौराने इलाज मौत हो गई थीं।

इसी को लेकर गुरुवार को बड़ा मदार के रहने वाले ग्रामीण और सेन समाज के लोगों ने एमबी हॉस्पिटल की मोर्चरी पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया और मृतक महिला की लाश का पोस्टमॉर्टम करवाने और लाश वापस लेने से इंकार करते हुए मृतक महिला के परिजनों को 20 लाख रूपए दिलवाने की मांग की, साथ ही वन विभाग के अधिकारीयों से भी मुआवजे की मांग की और हमला करने वाले लेपर्ड को जल्द पकड़ने या मारने की बात कही जिस से दिन ब दिन बढ़ रहे खौफ का अंत हो सके।

इस मौके पर समाज के प्रतिनिधि प्रदीप सेन ने कहा की वन विभाग के अधिकारीयों से इस मामले को लेकर बात की गई जिस पर विभाग की तरफ से 5 लाख रूपए के मुआवजे की बात पर हामी भरी गई, साथ ही हमला करने वाले लेपर्ड को भी जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया गया हैं, सभी ग्रामीण खौफजदा हैं और सुरक्षा चाहते हैं।"

मृतक मांगी बाई के पुत्र गणेश ने कहा "हमें पैसे की कोई जरुरत नही लेकिन हम चाहते हैं की उस आदमखोर लेपर्ड को जल्दी से जल्दी पकड़ा जाए और उसे मारा जाए, अगर हमारी इस मांग को पूरा नही किया जाता तो हम लाश को नही उठाएंगे, आज हमारे साथ ये घटना हुई हैं कल को और किसो और के साथ हो सकती हैं, हम चाहते है की जल्द इसका अंत हो"।

गौरतलब हैं की उदयपुर में पिछले कुछ दिनों में झाड़ोल और गोगुन्दा क्षेत्र में कुल 10 लोगों की जान लेपर्ड अटैक में जा चुकी हैं जो की एक गंभीर विशेष हैं, उन सभी में से सब से अधिक मौत गोगुन्दा क्षेत्र में हुई जिस के चलते ये क्षेत्र लेपर्ड अटैक में होने वाली मोतों का एपिसेंटर बन चूका हैं। साथ ही ये सारे अटैक 35 किलोमीटर के रेडियस में ही हुए हैं।

तो दूसरी ओर वन विभाग की टीम भी लगातार में इतर लेपर्ड की तलाश कर रही हैं लेकिन अभी तक कोई सफलता हासिल नही हुई हैं।