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निवेशक पीड़ितों का पैसा दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन

किसान आंदोलन में धारा 144 का हवाला देकर प्रदर्शन के अनुमति नहीं दी, जो सरकार का अलोकतांत्रिक रवैया है
 

संयुक्त निवेशक मोर्चा, उदयपुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि देशभर में निवेशक पीड़ितों का 26 फरवरी 2024 से जंतर मंतर पर आंदोलन करने का कार्यक्रम था, किंतु मोदी सरकार-दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन में धारा 144 का हवाला देकर प्रदर्शन के अनुमति नहीं दी, जो सरकार का अलोकतांत्रिक रवैया है।

संयुक्त निवेशक मोर्चा, उदयपुर के संयोजक विजय वर्मा ने बताया कि संयुक्त निवेशक मोर्चा ने आपात ऑनलाइन बैठक कर 26 फरवरी को देश भर में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया। इसके तहत उदयपुर में प्रातः 11:00 बजे जिला कलेक्ट्रेट, उदयपुर पर गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन कर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, जिला कलेक्टर को ज्ञापन भेजा गया।

वर्मा ने कहा कि सरकार निवेशक पीड़ितों की बात सुनने की बजाय निवेशक कंपनियों की रक्षा कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर निवेशकों को भुगतान करना था, जिसकी जिम्मेदारी गृहमंत्री अमित शाह की थी। लेकिन सरकार से सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी हेरान करने वाली है कि सरकार ने पोर्टल के माध्यम से 229 करोड रुपए बांटने के लिए 245 करोड रुपए खर्च कर दिए। 

उन्होंने कहा कि अन्य निवेशक कंपनियों की संपत्ति व पैसा सरकार के पास है किंतु लोगों को दिया नहीं जा रहा है। सरकार एक तरफ देश में जंतर-मंतर पर  धरना प्रदर्शन अनुमति भी नहीं दे रही है तो दूसरी तरफ हमारा पैसा भी नहीं दे रही है। सरकार की दोहरी मनमानी के खिलाफ निवेशक, देश भर में आंदोलन करते रहेंगे और सरकार को आंदोलन निवेशकों की माननी पड़ेगी।