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एम बी चिकित्सालय में शुरू हुई साइकोलॉजिकल सेवाए

मानसिक परेशानी से जूझ रहे किशोर बड़ी संख्या में इलाज के लिए आ रहे हैं

 

क्षिणी राजस्थान और उदयपुर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमबी हॉस्पिटल के बाल चिकित्सालय में हाल ही में शुरू हुई साइकोलॉजिकल सेवाओं ने कई किशोरों के विचारों को बदला है। यहां सेवा दे रहे मनोचिकित्सक के परामर्श से किशोरों में सकारात्मक संचार आया है। 

दरअसल, आज के समय में तनाव के चलते 18 वर्ष तक के किशोर को अगर सही परामर्श दिया जाए तो उनके दिमाग और मन में आने वाले बुरे विचारों को रोका जा सकता है। एमबी चिकित्सालय के बाल चिकित्सालय में करीब 1 महीने पूर्व इन सेवाओं को शुरू किया था। इसके बाद कई ऐसे मामले सामने आए जहां अस्पताल में बैठे साइकोलॉजिस्ट ने किशोरों को आत्महत्या या मानसिक अवसाद से बचाया हैं। 

एमबी अस्पताल में रोजाना 8-9 युवाओं की काउंसलिंग हो रही है। एमबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ आर.एल सुमन ने बताया कि मानसिक परेशानियों को देखते हुए दो साइकोलॉजिस्ट की सेवाएं शुरू की गयी है । जिन्हें संविदा के आधार पर लगाया गया है । इसके बाद अब देखने में आया है कि मानसिक परेशानी से जूझ रहे किशोर बड़ी संख्या में इलाज के लिए आ रहे हैं। 

साइकोलॉजिस्ट सेवाएं शुरू करने के बाद आत्महत्या के विचारों वाले मामले, लव अफेयर, ब्रेकअप के मामले, सेक्सुअल एसॉल्ट और माता पिता के साथ दुर्व्यवहार के मामले भी सामने आए जिन्हें साइकोलॉजिस्ट ने प्रेरित कर मानसिक परेशानियों को दूर करने की प्रयास किया गया। 

अधीक्षक डॉ सुमन ने बताया कि समाज में बच्चों को समय-समय पर सामाजिक एवं आध्यात्मिक जानकारी देकर माता-पिता ऐसी चीजों से किशोरों को बचा सकते हैं। किसी भी अवसाद की स्थिति में बाल चिकित्सालय में इन किशोरों के लिए प्रतिदिन परामर्श की निशुल्क सुविधाएं भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि रिसर्च की माने तो असल में समाज में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और असंतोष युवाओ को आत्महत्या की तरफ धकेल रहे हैं।